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This Article is From Jul 09, 2015

कोलकाता का यह अस्पताल किन्नरों के लिए है कुछ खास, जानिए कैसे

कोलकाता का यह अस्पताल किन्नरों के लिए है कुछ खास, जानिए कैसे
कोलकाता: किन्नर समुदाय के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधिकारियों ने उनके स्वास्थ्य जांच के लिए अलग से कमरों की व्यवस्था की है।

चिकित्सा अधीक्षक एवं उप प्रधानाचार्य प्रबीर कुमार मुखर्जी ने बताया, "यह योजना अभी शुरुआती स्तर पर है। किन्नरों के लिए अलग से कमरों की व्यवस्था की गई है और इनके इलाज के लिए सलाहकारों, मनोचिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के विशेष दल को नियुक्त किया गया है।"

अस्पताल में लिंग सर्जरी की सुविधा शुरू करने की भी योजना है। सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के मुताबिक, ग्रामीण बंगाल में 9,868 सदस्य हैं।

हाल ही में राज्य सरकार ने मनाबी बंद्योपाध्याय को देश की पहली किन्नर कॉलेज प्राचार्या के रूप में नियुक्त किया था।

तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किन्नरों के कल्याण के लिए बोर्ड हैं, जबकि बंगाल में किन्नरों के लिए देश का एकमात्र विकास बोर्ड है।

इस साल प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय और जादवपुर विश्वविद्यालय ने किन्नरों के कॉलेज में प्रवेश के लिए अलग से मापदंड पेश किए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अप्रैल में 'राइट्स ऑफ ट्रांसजेंडर पर्सन्स विधेयक' 2014 राज्यसभा में पारित हो चुका है।

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