प्रतीकात्मक तस्वीर
कोलकाता:
अपनी वीजा अवधि के खत्म होने की शंका के कारण गिरफ्तारी के डर से एक जापानी युवक नीम के एक पेड़ पर चढ़ गया और रात भर उसी पर रहा, जिससे इलाके में हलचल रही.
मंगलवार सुबह युवक एक तालाब में कूद गया, जहां से उसे निकाला गया और इसके बाद ही इस पूरे प्रकरण पर विराम लग सका. हालांकि युवक के पासपोर्ट और वीजा सही पाए गए.
पुलिस ने बताया कि शहर के तोपसिया इलाके के स्टुअर्ट लेन के एक लॉज में रहने वाले अरिमा तकेरू (24 साल) को लगा कि उसके वीजा और पासपोर्ट की अवधि खत्म हो गई है और गिरफ्तारी से बचने के लिए वह कल रात करीब 10:45 बजे एक पेड़ पर चढ़ गया. वह जापानी बोली में चिल्ला रहा था. इस कारण स्थानीय लोग उसकी बातों को समझ नहीं पा रहे थे और उसे बचाने के लिए उन्होंने पुलिस और अग्निशमन दल को बुला लिया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'जब आपदा प्रबंधन समूह (डीएमजी) और अग्निशमन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो युवक को लगा कि वे उसे गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे हैं, जिसके बाद वह डर के मारे और ऊंचाई पर चढ़ गया.'
भाषायी बाधा के कारण उसको समझाने के सारे प्रयास विफल रहे और उससे बात करने के लिए जापानी वाणिज्य दूतावास से एक दुभाषिए को बुलाया गया. अधिकारी ने बताया, 'यह क्रम रात भर चलता रहा. सुबह में डीएमजी का एक अधिकारी उसका एक हाथ पकड़ने में सफल रहा लेकिन वह अधिकारी की पकड़ से खुद को छुड़ाने में सफल रहा और पेड़ से लगे एक तालाब में कूद गया.' तकेरू को एक निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छोड़ दिया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मंगलवार सुबह युवक एक तालाब में कूद गया, जहां से उसे निकाला गया और इसके बाद ही इस पूरे प्रकरण पर विराम लग सका. हालांकि युवक के पासपोर्ट और वीजा सही पाए गए.
पुलिस ने बताया कि शहर के तोपसिया इलाके के स्टुअर्ट लेन के एक लॉज में रहने वाले अरिमा तकेरू (24 साल) को लगा कि उसके वीजा और पासपोर्ट की अवधि खत्म हो गई है और गिरफ्तारी से बचने के लिए वह कल रात करीब 10:45 बजे एक पेड़ पर चढ़ गया. वह जापानी बोली में चिल्ला रहा था. इस कारण स्थानीय लोग उसकी बातों को समझ नहीं पा रहे थे और उसे बचाने के लिए उन्होंने पुलिस और अग्निशमन दल को बुला लिया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'जब आपदा प्रबंधन समूह (डीएमजी) और अग्निशमन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो युवक को लगा कि वे उसे गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे हैं, जिसके बाद वह डर के मारे और ऊंचाई पर चढ़ गया.'
भाषायी बाधा के कारण उसको समझाने के सारे प्रयास विफल रहे और उससे बात करने के लिए जापानी वाणिज्य दूतावास से एक दुभाषिए को बुलाया गया. अधिकारी ने बताया, 'यह क्रम रात भर चलता रहा. सुबह में डीएमजी का एक अधिकारी उसका एक हाथ पकड़ने में सफल रहा लेकिन वह अधिकारी की पकड़ से खुद को छुड़ाने में सफल रहा और पेड़ से लगे एक तालाब में कूद गया.' तकेरू को एक निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छोड़ दिया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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