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This Article is From Jan 12, 2018

ISRO कभी रॉकेट ढोने के लिए करता था बैलगाड़ी का इस्तेमाल, अब बनाया इतिहास

इसरो का 100वां सैटेलाइट लॉन्च हुआ. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में सेंचुरी लगा दी है. इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्‍च किए.

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ISRO कभी रॉकेट ढोने के लिए करता था बैलगाड़ी का इस्तेमाल, अब बनाया इतिहास
वैज्ञानिकों ने पहले रॉकेट को साइकिल पर लादकर प्रक्षेपण स्थल पर ले गए थे.
नई दिल्ली: इसरो का 100वां सैटेलाइट लॉन्च हुआ. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में सेंचुरी लगा दी है. इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्‍च किए. बता दें कि चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 को लॉन्च करने में फेल रहा था. पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है.

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इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. इसरो की इस उपलब्धि पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है. सोशल साइट्स पर लोग दिल खोलकर अपने वैज्ञानिकों की तारीफ कर रहे हैं. ऐसे में अगर इसरो के अब तक के रोमांचकारी सफर को याद करेंगे तो आपकी खुशी दोगुनी हो जाए.

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बैलगाड़ी-साइकिल के सहारे शुरू हुआ आसमान मुट्ठी में करने का सफर
डॉ. विक्रम साराभाई ने 15 अगस्त 1969 को इसरो की स्थापना की थी. आपको जानकर हैरत होगी की हमारे वैज्ञानिक आसमान मुट्ठी करने के सफर पर साइकिल और बैलगाड़ी के जरिए निकले थे. वैज्ञानिकों ने पहले रॉकेट को साइकिल पर लादकर प्रक्षेपण स्थल पर ले गए थे. इस मिशन का दूसरा रॉकेट काफी बड़ा और भारी था, जिसे बैलगाड़ी के सहारे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया था.

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इससे भी ज्यादा रोमांचकारी बात यह है कि भारत ने पहले रॉकेट के लिए नारियल के पेड़ों को लांचिंग पैड बनाया था. हमारे वैज्ञानिकों के पास अपना दफ्तर नहीं था, वे कैथोलिक चर्च सेंट मैरी मुख्य कार्यालय में बैठकर सारी प्लानिंग करते थे. अब पूरे भारत में इसरो के 13 सेंटर हैं.

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कलाम साहब ने देशवासियों को दी मुस्कुराने की वजह
इन्हीं मुश्किलों में हमारे वैज्ञानिकों ने पहला स्वदेशी उपग्रह एसएलवी-3 लांच किया था. यह 18 जुलाई 1980 को लांच किया गया था. दिलचस्प बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर पूर्व राष्ट्रपति श्री डॉक्टर अब्दुल कलाम थे. इस लांचर के माध्यम से रोहिणी उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया. अब तक के सफर में इसरो ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन इनमें से चार ऐसी हैं जो हमें दुनिया के नक्शे पर खास बनाते हैं. 

देखें वीडियो- इसरो ने लगाया शतक, 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे

 

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