
आईसीएचआर रामसेतु की हकीकत जानने के लिए पायलट प्रॉजेक्ट शुरू करेगा.
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ICHR की टीम पता लगाएगी रामसेतु का सच
हिंदुत्व संगठनों के मुताबिक रामसेतु भगवान राम की ओर से बनाया गया
नासा के अनुसार राम सेतु चूना पत्थर का बना हुआ मानव निर्मित ब्रिज है.
यह प्रोजेक्ट प्रॉजेक्ट असम की सिल्चर यूनिवर्सिटी में आर्कियॉलजी के प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी की देखरेख में होगा. प्रोफेसर त्रिपाठी ASI के डायरेक्टर रह चुके हैं. इस पायलट प्रॉजेक्ट के लिए रिसर्च स्कॉलर का चयन राष्ट्रीय स्तर पर सलेक्शन प्रकिया के जरिए होगा, जिन्हें जून में दो हफ्ते की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.'
तमिलनाडु और श्रीलंका के तटों के बीच बना यह ब्रिज (सेतु) उस समय से विवाद का केंद्र रहा, जब यूपीए की सरकार ने सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना की योजना बनाई थी. कुछ लोगों का दावा है कि इस सेतु को भगवान राम की वानर सेना ने बनाया है और इसे नहीं छूआ जाना चाहिए.
यूपीए सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु के अलावा कोई विकल्प आर्थिक तौर पर लाभदायक नहीं है. हालांकि विरोध के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. हिंदुत्व संगठनों का मानना है कि यह सेतु भगवान राम की ओर से बनाया गया था. वहीं, नासा द्वारा तस्वीरों के आधार पर श्रीलंकाई प्रसाशन ने दावा किया था कि राम सेतु, चूना पत्थर का बना हुआ मानव निर्मित ब्रिज है.