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This Article is From Mar 25, 2017

रामसेतु भगवान ने बनाया या इंसान ने, केंद्र सरकार की यह संस्था सुलझाएगी गुत्थी!

रामसेतु भगवान ने बनाया या इंसान ने, केंद्र सरकार की यह संस्था सुलझाएगी गुत्थी!
आईसीएचआर रामसेतु की हकीकत जानने के लिए पायलट प्रॉजेक्ट शुरू करेगा.
नई दिल्ली: धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक रामसेतु भगवान राम ने बनाया था, लेकिन इस बात पर सवाल उठते रहे हैं. अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR) इसका पता लगाएगा कि रामसेतु को किसने बनाया है. आईसीएचआर रामसेतु की हकीकत जानने के लिए पायलट प्रॉजेक्ट शुरू करेगा. आईसीएचआर के चेयरमैन वाई सुदर्शन राव ने कहा कि रामसेतु सिर्फ एक मिथ या प्राकृतिक है, इसका पता लागने के लिए अब तक पानी के अंदर कोई खोज नहीं हुई है. रामसेतु की जांच के लिए पायलट प्रोजेक्ट मई में शुरू होगा और अक्टूबर-नवंबर में जांच-पड़ताल पूरी होगी.

यह प्रोजेक्ट प्रॉजेक्ट असम की सिल्चर यूनिवर्सिटी में आर्कियॉलजी के प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी की देखरेख में होगा. प्रोफेसर त्रिपाठी ASI के डायरेक्टर रह चुके हैं. इस पायलट प्रॉजेक्ट के लिए रिसर्च स्कॉलर का चयन राष्ट्रीय स्तर पर सलेक्शन प्रकिया के जरिए होगा, जिन्हें जून में दो हफ्ते की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.'

तमिलनाडु और श्रीलंका के तटों के बीच बना यह ब्रिज (सेतु) उस समय से विवाद का केंद्र रहा, जब यूपीए की सरकार ने सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना की योजना बनाई थी. कुछ लोगों का दावा है कि इस सेतु को भगवान राम की वानर सेना ने बनाया है और इसे नहीं छूआ जाना चाहिए. 

यूपीए सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु के अलावा कोई विकल्प आर्थिक तौर पर लाभदायक नहीं है. हालांकि विरोध के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. हिंदुत्व संगठनों का मानना है कि यह सेतु भगवान राम की ओर से बनाया गया था. वहीं, नासा द्वारा तस्वीरों के आधार पर श्रीलंकाई प्रसाशन ने दावा किया था कि राम सेतु, चूना पत्थर का बना हुआ मानव निर्मित ब्रिज है.

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