यह ख़बर 11 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भारतीय किशोर बना कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का सदी का सबसे युवा टॉपर

खास बातें

  • कोलकाता में पैदा हुए 18 साल के रितांकर दास को विश्वविद्यालय मेडेलिस्ट का खिताब मिला है। कॉलेज ऑफ केमिस्ट्री से 58 वर्ष में यह सम्मान पाने वाल वह पहला छात्र और बायो-इंजीनियरिंग के विभाग से यह खिताब पाने वाला इकलौता छात्र है।
वाशिंगटन:

18 वर्ष की आयु का एक भारतीय मूल का अमेरिकी प्रतिष्ठित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में एक शताब्दी से भी अधिक समय का सबसे युवा ग्रेजुएट टॉपर बन गया है।

कोलकाता में पैदा हुए रितांकर दास को विश्वविद्यालय मेडेलिस्ट का खिताब मिला है। यह सम्मान हर वर्ष अव्वल आने वाले स्नातक को दिया जाता है। दास ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से तीन वर्ष में अध्ययन पूरा किया, जिसमें बायो-इंजीनियरिंग एवं रासायनिक जीव विज्ञान मुख्य विषय और रचनात्मक लेखन गौण विषय था।

कॉलेज ऑफ केमिस्ट्री से पिछले 58 वर्ष में यह सम्मान पाने वाल वह पहला छात्र और बायो-इंजीनियरिंग के विभाग से यह खिताब पाने वाला वह एकमात्र छात्र बन गया है। इस खिताब को पाने के बाद उसे 2500 अमेरिकी डॉलर की छात्रवृत्ति मिलेगी।

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पुरस्कार समिति को सौंपे गए सिफारिशी पत्र में कॉलेज ऑफ केमिस्ट्री की अंडरग्रेजुएट डीन मार्सिन माजदा ने कहा, बर्कले में मेरे 30 वर्ष के दौरान मैं किसी भी ऐसे अंडरग्रेजुएट के बारे में नहीं सोच सकती, जिसका रितनकर के काम, उसके कामों के विस्तार और परियोजनाओं, उसकी मौजूदा बढ़त और उसकी शैक्षणिक दक्षता से मुकाबला किया जा सके। दास ने विस्कोंसिन विश्वविद्यालय, मिलवाउकी में 13 साल की उम्र में शोध शुरू किया था।