भारत के अनुभवी विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने रविवार को आईसीसी के नियम के अनुसार चलते हुए आस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप मैच में कृपाण चिन्ह के दस्ताने नहीं पहने. धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कृपाण चिन्ह वाले दस्ताने पहने थे जिसके बाद आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी को यह दस्ताने पहनने से मना कर दें क्योंकि यह खेल उपकरण नियम का उल्लघंन है. धोनी ने रविवार को हरे रंग के दस्ताने पहने जिस पर न तो एसजी का लोगो था और न ही यह कृपाण चिन्ह. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह वही दस्ताने हैं या नये दस्ताने.
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बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी के इस पूरे विवाद से भारतीय सेना ने खुद को अलग करते हुए इसे इस विकेटकीपर बल्लेबाज का ‘निजी निर्णय' करार दिया है. जीओसी इन सी साउथ वेस्टर्न कमान लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन यहां भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘अपने दस्तानों पर बलिदान चिन्ह का उपयोग करना धोनी का निजी निर्णय है. इससे सेना का कोई लेना देना नहीं है'. उन्होंने कहा कि आइसीसी इस संबंध में निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र है. बलिदान सेना की पैरोशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स का प्रतीक चिन्ह है.
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धोनी भी 2011 से इस रेजीमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और उनके दस्तानों पर यह प्रतीक चिन्ह अंकित है. धोनी के प्रतीक चिन्ह वाले दस्ताने पहनने पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आपत्ति जतायी थी जिसके बाद बीसीसीआई ने क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था से अनुमति देने का आग्रह किया था. आईसीसी ने हालांकि भारतीय बोर्ड की मांग अस्वीकार कर दी. आइसीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे किसी चिन्ह को पहनने की अनुमति नहीं दे सकता और खिलाडी केवल प्रायोजक का लोगो ही इस्तेमाल कर सकते हैं.
इनपुट- भाषा
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