नई दिल्ली:
भविष्य के युद्ध और मानव रहित जंग से जुड़ी क्षमता को बढ़ाने के प्रयासों के तहत भारत रोबोट सैनिक तैयार करने की योजना पर काम कर रहा है। इससे भारत ऐसा प्रयास करने वाले गिने चुने देश में शामिल हो गया है।
डीआरडीओर की ओर से शुरू की गई इस परियोजना के तैयार किए जाने वाले रोबोट की बुद्धिमता क्षमता का स्तर काफी ऊंचा होगा जिससे वे मित्र और शत्रु की पहचान कर सके।
इन्हें कठिन युद्ध क्षेत्रों जैसे नियंत्रण रेखा पर तैनात किया जा सकता है जिससे इन इलाकों में जनहानि से बचा जा सके।
डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा, ‘‘हम रोबोट सैनिक तैयार करने पर काम कर रहे हैं। हम इन रोबोट में काफी उच्च क्षमता की बुद्धिमता पर काम कर रहे हैं। यह नया कार्यक्रम है और कई प्रयोगशालाएं रोबोटिक्स पर पहले ही बड़े पैमाने पर काम शुरू कर चुके हैं।’’
डीओडीओ के नवनियुक्त प्रमुख ने रोबोट सैनिक के विकास को प्रथमिकता वाली एक अहम परियोजना बताया और कहा कि जमीन और हवा में मानवरहित युद्धकौशल भविष्य के युद्ध की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। शुरू में रोबोट सैनिकों की मदद मनुष्य करेंगे।
डीआरडीओर की ओर से शुरू की गई इस परियोजना के तैयार किए जाने वाले रोबोट की बुद्धिमता क्षमता का स्तर काफी ऊंचा होगा जिससे वे मित्र और शत्रु की पहचान कर सके।
इन्हें कठिन युद्ध क्षेत्रों जैसे नियंत्रण रेखा पर तैनात किया जा सकता है जिससे इन इलाकों में जनहानि से बचा जा सके।
डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा, ‘‘हम रोबोट सैनिक तैयार करने पर काम कर रहे हैं। हम इन रोबोट में काफी उच्च क्षमता की बुद्धिमता पर काम कर रहे हैं। यह नया कार्यक्रम है और कई प्रयोगशालाएं रोबोटिक्स पर पहले ही बड़े पैमाने पर काम शुरू कर चुके हैं।’’
डीओडीओ के नवनियुक्त प्रमुख ने रोबोट सैनिक के विकास को प्रथमिकता वाली एक अहम परियोजना बताया और कहा कि जमीन और हवा में मानवरहित युद्धकौशल भविष्य के युद्ध की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। शुरू में रोबोट सैनिकों की मदद मनुष्य करेंगे।
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