यह ख़बर 23 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भारत में डेढ़ लाख करोड़पति

खास बातें

  • एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार देश में करोड़पतियों की संख्या वर्ष 2010 में एक लाख 53 हजार तक पहुंच गई।
नई दिल्ली:

एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार देश में करोड़पतियों की संख्या वर्ष 2010 में एक लाख 53 हजार तक पहुंच गई। इसके अनुसार ऐसे धनी लोगों की संख्या के मामले में भारत का दुनिया में 12वां स्थान हो गया है। मेरिल लिंच वेल्थ मैनेजमेंट एण्ड केपजेमिनी की सालाना वैश्विक संपत्ति रिपोर्ट के अनुसार भारत में करोड़पति लोगों की संख्या बढने से एशिया प्रशांत क्षेत्र इस मामले में यूरोप से आगे निकल गया है। रिपोर्ट में कहा गया है भारत में धनी व्यक्तियों की कुल संख्या वर्ष 2010 में दुनिया में 12वें नंबर पर पहुंच गई। करोड़पतियों के मामले में शीर्ष 12 देशों की सूची में भारत पहली बार पहुंचा है। रिपोर्ट कहती है कि भारतीय करोड़पतियों की संख्या में वृद्धि के साथ साथ इनके शौक भी तेजी से बढे हैं। लक्जरी कारें, नौकायें और जेट विमान में इनका शौक बढ़ा है। वर्ष 2010 की समाप्ति पर भारत में धनी लोगों की संख्या 1,53,000 तक पहुंच गई थी जो कि एक साल पहले की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक रही। अध्ययन में ऐसे धनी लोगों की परिभाषा में उन लोगों को शामिल किया गया है जिनके पास निवेश करने योग्य राशि 10 लाख डालर :साढे चार करोड़ रुपये से अधिक: है। इसमें उनका मकान, टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुयें, वाहन तथा अन्य कीमती सामान शामिल नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में सबसे ज्यादा 31 लाख 04 हजार करोड़पति हैं। इसके बाद जापान, जर्मनी, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, स्विटजरलैंड, आस्ट्रेलिया, इटली, ब्राजील और फिर भारत का स्थान है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में जापान, चीन और आस्ट्रेलिया के बाद भारत में सर्वाधिक करोड़पति हैं। करोड़पतियों की सर्वाधिक संख्या वाले शीर्ष 12 देशों में भारत में इनमें सर्वाधिक 20.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


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