1957 में हुए टीवी डिबेट में भारत और पाकिस्तान के छात्रों ने इंग्लैंड की छात्रा की बोलती बंद कर दी थी

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक डिबेट शो में 4 देशों के स्टूडेंट्स हिस्सा ले रहे हैं. भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड और फिलिपिन्स के छात्रों को एक टीवी शो पर बोलने का मौका दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक यह वीडियो 1957 का है. इस शो का थीम Prejudice (पूर्वाग्रह) था.

1957 में हुए टीवी डिबेट में भारत और पाकिस्तान के छात्रों ने इंग्लैंड की छात्रा की बोलती बंद कर दी थी

नई दिल्ली:

Pakistan & India Unite Against Britain: 1947 से पहले भारत और पाकिस्तान एक ही देश हुआ करते थे. तब अंग्रेज शासन किया करते थे. अंग्रेजों की विभाजन नीति के कारण दोनों देशों को धर्म के आधार पर अलग होना पड़ा. 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान में कभी भी अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं. पाकिस्तान हमेशा से भारत को परेशान करता आ रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत को कोसते रहता है. हालांकि, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि अंग्रेज के सामने भारत और पाकिस्तान एक होकर अपनी बात कह रहे हैं. आनंद महिंद्रा ने इस वीडियो को शेयर किया है. यह वीडियो एक डिबेट शो है. छात्र इस शो में हिस्सा लेकर अपनी बात रख रहे थे. आनंद महिंद्रा को शशि थरूर की याद आ गई.

देखें वीडियो

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक डिबेट शो में 4 देशों के स्टूडेंट्स हिस्सा ले रहे हैं. भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड और फिलिपिन्स के छात्रों को एक टीवी शो पर बोलने का मौका दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक यह वीडियो 1957 का है. इस शो का थीम Prejudice (पूर्वाग्रह) था.

इस डिबेट शो में भारत के तरफ से Gopinath Padmanabha थे, इंग्लैंड के तरफ से Sara Chatt, पाकिस्तान के तरफ से अमीन जंग थे. डिबेट शो में सुना जा सकता है कि इंग्लैंड की सारा कहती हैं कि इंग्लैंड ने भारत को बहुत कुछ दिया. ट्रेन, डैम के साथ-साथ लोगों की ज़िंदगी बेहतरीन की. इस पर भारत के तरफ से गोपिनाथ ने जवाब दिया- हमारे अनाज, कपास, खनीज पदार्थ को अपने देश ले जाकर आपलोग अमीर बने हैं. वहीं पाकिस्तान के अमीन ने बताया कि अंग्रेजों के कारण हमने मौतें देखी हैं. विभाजन के दौरान कई लोगों की ज़िंदगियां समाप्त हो चुकी हैं.

पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं.

आनंद महिंद्रा ने इस वीडियो के ज़रिए शशि थरूर को किया याद. इंग्लैंड में जाकर शशि थरूर ने उनकी बर्बरता की कहानी सुनाई थी, जिसे आज भी लोग ज़रूर सुनते हैं.

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ये पहला ऐसा मौका था, जब पाकिस्तान और भारत के प्रतिनिधि सहमत हुए थे. 1957 का ये वीडियो अभी भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.