चंडीगढ़:
मध्य हरियाणा में करीब एक साल पहले एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर दो लोगों ने उससे सामूहिक बलात्कार किया।
पीड़िता नाबालिग, जो एक दलित परिवार से संबंधित थी, ने अपनी मां को सूचित किया। परिवार में पहले इस मुद्दे पर बहस हुई कि शिकायत दर्ज करवाई जाए या नहीं। परिजनों को प्रतिफल और गांव में तिरस्कार का डर था। परिणाम यह हुआ एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई।
इसके बाद इस सामूहिक बलात्कार पीड़ित नाबालिग की मां के साथ भी बलात्कार हुआ और वह करनाल के अपने गांव में मृत पाई गई। उसका चेहरा एसिड से झुलसा हुआ था।
इस घटना के बाद जब परिजन शिकायत लेकर थाने पहुंचे तब पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया। इसके बाद गैर-सरकारी संस्था के हस्तक्षेप के बाद केस दर्ज किया गया और जांच में यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने बेटी के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था, उन्हीं लोगों ने मां की भी बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी।
अब दोनों आरोपियों का केस करनाल की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है।
सोमवार को पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षा उनके लिए बोझ बन गई है। उनकी बेटी के साथ न्याय नहीं हुआ है। सरकार द्वारा बेटी को नौकरी का आश्वासन दिया गया था जो अब तक पूरा नहीं किया गया है। बेटी को घटना के बाद स्कूल ने बाहर कर दिया गया। पुलिस वाले खाने और आने जाने का पैसा लेते हैं।
पिता के इस बयान के बाद नाराज सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकार को बलात्कार पीड़ितों के पुनर्वास की योजना तैयार करने का आदेश दिया।
पीड़िता नाबालिग, जो एक दलित परिवार से संबंधित थी, ने अपनी मां को सूचित किया। परिवार में पहले इस मुद्दे पर बहस हुई कि शिकायत दर्ज करवाई जाए या नहीं। परिजनों को प्रतिफल और गांव में तिरस्कार का डर था। परिणाम यह हुआ एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई।
इसके बाद इस सामूहिक बलात्कार पीड़ित नाबालिग की मां के साथ भी बलात्कार हुआ और वह करनाल के अपने गांव में मृत पाई गई। उसका चेहरा एसिड से झुलसा हुआ था।
इस घटना के बाद जब परिजन शिकायत लेकर थाने पहुंचे तब पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया। इसके बाद गैर-सरकारी संस्था के हस्तक्षेप के बाद केस दर्ज किया गया और जांच में यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने बेटी के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था, उन्हीं लोगों ने मां की भी बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी।
अब दोनों आरोपियों का केस करनाल की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है।
सोमवार को पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षा उनके लिए बोझ बन गई है। उनकी बेटी के साथ न्याय नहीं हुआ है। सरकार द्वारा बेटी को नौकरी का आश्वासन दिया गया था जो अब तक पूरा नहीं किया गया है। बेटी को घटना के बाद स्कूल ने बाहर कर दिया गया। पुलिस वाले खाने और आने जाने का पैसा लेते हैं।
पिता के इस बयान के बाद नाराज सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकार को बलात्कार पीड़ितों के पुनर्वास की योजना तैयार करने का आदेश दिया।
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