'हिमोजी' बनाने वाली अपराजिता शर्मा ने कहा- हमें हिन्दी के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है

'हिमोजी' बनाने वाली अपराजिता शर्मा ने कहा- हमें हिन्दी के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है

हिमोजी

नई दिल्ली:

दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज की हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर अपराजिता शर्मा वह शख्स हैं जिन्होंने हिन्दी के इमोजी तैयार किए हैं। हिन्दी के इमोजी असल में वे स्माइली हैं जो इंसानी भाव भंगिमाओं को हिन्दी शब्दों व वाक्यों के साथ पेश करते हैं। अपराजिता ने बेहद दिलचस्प किस्म के इमोजी तैयार किए हैं जो पूरी तरह से भारतीय रंग में रंगे दिखते हैं। अपराजिता शर्मा ने रवीश कुमार के साथ प्राइम टाइम में दिलचस्प बातचीत की।
 


अपराजिता शर्मा से रवीश कुमार की बातचीत यहां क्लिक करके देखें

उन्होंने अपनी बहन अनन्या से प्रेरित होकर ये तैयार किए हैं। अपराजिता शर्मा ने 270 हिमोजी बनाए हैं। उन्होंने एक ऐप भी बनाया है जो एंड्रॉयड फोन्स पर डाउनलोड किया जा सकता है। हिमोजी में पालतू पशुओं के साथ खग विहग नाम से सीरीज, प्यार से झिझकने वालों के लिए अनकही नाम की सीरीज और आशिक मिजाज लोगों के लिए प्रेम रोग नाम से सीरीज है। अपराजिता ने ऐसी ही कुछ और दिलचस्प सीरीज बनाई हैं। हिन्दी में इमोजी को लेकर वह कहती हैं कि हिन्दी अभी इंटरनेट पर बहुत अकेली है। हम अपनी भाषा के नाम पर कर क्या रहे हैं। हमें अभी हिन्दी के लिए बहुत सारा काम करना है सिर्फ कविता कहानी नहीं लिखनी और भी कई शाखाएं हैं जहां काम करना बाकी है।
 


अपराजिता ने कहा कि वह हिमोजी के माध्यम से यह संदेश देना चाहती हैं कि अपनी भाषा में कुछ भी मुमकिन है। अपराजिता कहती हैं कि उन्होंने हिमोजी में भाषा की सुंदरता बनाए रखने की कोशिश की है। हिमोजी में गुस्सा भी सभ्य भाषा में करने की कोशिश की है। बच्चों की भाषा कई बार मुझे बहुत परेशान करती है..हिमोजी की महिला कैरेक्टर जूड़ा बनाने वाली, चूड़ियां पहनते वाली और झालर वाले कपड़े भी पहनती हैं।
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अपराजिता कहती हैं कि उन्हें फीमेल कैरेक्टर बनाते समय कोई दिक्कत नहीं हुई लेकिन मेल कैरेक्टर बनाते समय मुश्किल हुई क्योंकि वह गर्ल्स स्कूल, गर्ल्स कॉलेज में पढ़ीं और पढ़ा भी गर्ल्स कॉलेज में ही रही हूं। वह कहती हैं कि भाषा के प्रति सचेत होने की बहुत जरूरत है। कहती हैं अपराजिता कि उन्हें यह यकीन नहीं था कि हिमोजी को लोग इस कदर पसंद करेंगे। आईटेकलाइनफॉरयू के जरिए अपराजिता को टेक्निकल सपोर्ट मिला।