नई दिल्ली:
केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों और परियोजनाओं में से करीब आधी नेहरू-गांधी परिवार (नेहरू-इंदिरा-राजीव) के नाम पर हैं जबकि महात्मा गांधी के नाम पर कुल 58 में से केवल चार संस्थाएं एवं परियोजनाएं हैं।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत योजना मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार देश में अभी केंद्र सरकार की 58 संस्थाएं एवं परियोजनाएं चल रही है जिसमें से नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर 27 संस्थाएं एवं परियोजनाएं हैं।
प्रसिद्ध गांधीवादी और पर्यावरणविद अनुपम मिश्र इस विषय को परिवार विशेष की जगह प्रधानमंत्री पद से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय किस्म की योजनाओं का नामकरण किसी न किसी राष्ट्रीय स्तर की विभूति पर होना चाहिए लेकिन यह प्रधानमंत्री जैसे पद तक सिमट कर रह जाए, ऐसी राष्ट्रीय परिभाषा संकीर्ण कहलाएगी। नाम ऐसे लोगों पर हो जिन्हें पूरे देश में उनके पद के अलावा भी जाना जाता हो और आदर दिया जाता हो।’’
जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तीनों ही देश के प्रधानमंत्री रहे हैं।
पूर्व सूचना आयुक्त ओपी केजरीवाल ने कहा कि यह सर्वविदित है कि केंद्र की योजनाओं में गांधी नेहरू परिवार के प्रति झुकाव रहा है। लेकिन देश के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले महापुरुषों को भी योजनाओं में महत्व दिया जाना चाहिए।
यानी लोगों को इनके नाम पर परियोजनाएं या संस्थान चलने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इनका कहना है कि ऐसी परियोजनाओं में अन्य विभूतियों को भी स्थान दिया जाना चाहिए।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा 16 परियोजनाएं एवं संस्थान राजीव गांधी के नाम पर हैं जबकि उनकी मां इंदिरा गांधी के नाम पर 8 और नाना जवाहर लाल नेहरू के नाम पर तीन योजनाएं चल रही हैं। महात्मा गांधी के नाम पर केंद्र की केवल चार संस्थाएं एवं परियोजनाएं चल रही है।
महात्मा गांधी से जुड़ी परियोजनाओं एवं संस्थाओं में संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी गांधी स्मृति एवं गांधी दर्शन, गांधी शिल्प बाजार, महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना और संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) शामिल है। संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के नाम पर केंद्र सरकार की चार संस्थाएं एवं परियोजनाएं चल रही हैं। अंबेडकर के नाम पर संस्थाएं एवं परियोजनाएं 1992 से शुरू की गई है जब कांशीराम और मायावती की बहुजन समाज पार्टी का प्रभाव बढ़ा।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर केंद्र की दो योजनाएं, सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर एक और बाबू जगजीवन राम के नाम पर एक योजना चल रही है।
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के नाम पर केंद्र सरकार एक योजना चला रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी इस योजना का नाम ‘कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय’ है।
केंद्र में भाजपा नीत राजग सरकार के गठन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापकों में शामिल पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर केंद्र की दो परियोजनाएं एवं संस्थान जबकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक संस्थान शुरू किया गया।
मौलाना अबुल कलाम के नाम पर तीन संस्थान एवं परियोजनाएं और जाकिर हुसैन के नाम पर एक परियोजना चल रही है। स्वामी विवेकानंद और रवीन्द्र नाथ टैगोर के नाम पर केंद्र के एक-एक संस्थान हैं।
हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने योजना मंत्रालय से जानकारी मांगी थी कि, ‘‘वर्तमान में देश में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी संजय गांधी आदि के नाम पर विभिन्न विभाग या मंत्रालय कितनी परियोजनाएं एवं संस्थान चला चल रहे हैं। इनका पूर्ण विवरण तिथि, नामकरण बताएं।’’
केंद्र सरकार की योजनाओं में सबसे अधिक 11 योजनाएं संस्कृति मंत्रालय की हैं।
सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय की आठ और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सात योजनाएं है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की पांच, सूचना एवं प्रसारण और युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय की चार-चार परियोजनाएं एवं संस्थान चल रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्रालय से जुड़ी तीन-तीन परियोजनाएं एवं संस्थान चल रहे हैं। आदिवासी मामलों, जल संसाधन, पंचायती राज, लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योग, पेयजल एवं स्वच्छता, कर्मिक, ऊर्जा, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से जुड़ी एक-एक परियोजना या संस्थान चल रहे हैं।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाली वीरांगना लक्ष्मी बाई के नाम पर केंद्र सरकार का एक संस्थान चल रहा है। राजा राम मोहन राय के नाम पर भी एक संस्थान चल रहा है।
खुदा बख्श और महर्षि संदीपनी के नाम पर केंद्र का एक-एक संस्थान है। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रॉय के नाम पर एक संस्थान संचालित है।
पंजाब में शांति स्थापित करने में योगदान देने वाले संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के नाम पर एक संस्थान चल रहा है। गनी खान चौधरी और पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र के नाम पर भी केंद्र का एक-एक संस्थान चल रहा है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत योजना मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार देश में अभी केंद्र सरकार की 58 संस्थाएं एवं परियोजनाएं चल रही है जिसमें से नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर 27 संस्थाएं एवं परियोजनाएं हैं।
प्रसिद्ध गांधीवादी और पर्यावरणविद अनुपम मिश्र इस विषय को परिवार विशेष की जगह प्रधानमंत्री पद से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय किस्म की योजनाओं का नामकरण किसी न किसी राष्ट्रीय स्तर की विभूति पर होना चाहिए लेकिन यह प्रधानमंत्री जैसे पद तक सिमट कर रह जाए, ऐसी राष्ट्रीय परिभाषा संकीर्ण कहलाएगी। नाम ऐसे लोगों पर हो जिन्हें पूरे देश में उनके पद के अलावा भी जाना जाता हो और आदर दिया जाता हो।’’
जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तीनों ही देश के प्रधानमंत्री रहे हैं।
पूर्व सूचना आयुक्त ओपी केजरीवाल ने कहा कि यह सर्वविदित है कि केंद्र की योजनाओं में गांधी नेहरू परिवार के प्रति झुकाव रहा है। लेकिन देश के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले महापुरुषों को भी योजनाओं में महत्व दिया जाना चाहिए।
यानी लोगों को इनके नाम पर परियोजनाएं या संस्थान चलने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इनका कहना है कि ऐसी परियोजनाओं में अन्य विभूतियों को भी स्थान दिया जाना चाहिए।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा 16 परियोजनाएं एवं संस्थान राजीव गांधी के नाम पर हैं जबकि उनकी मां इंदिरा गांधी के नाम पर 8 और नाना जवाहर लाल नेहरू के नाम पर तीन योजनाएं चल रही हैं। महात्मा गांधी के नाम पर केंद्र की केवल चार संस्थाएं एवं परियोजनाएं चल रही है।
महात्मा गांधी से जुड़ी परियोजनाओं एवं संस्थाओं में संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी गांधी स्मृति एवं गांधी दर्शन, गांधी शिल्प बाजार, महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना और संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) शामिल है। संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के नाम पर केंद्र सरकार की चार संस्थाएं एवं परियोजनाएं चल रही हैं। अंबेडकर के नाम पर संस्थाएं एवं परियोजनाएं 1992 से शुरू की गई है जब कांशीराम और मायावती की बहुजन समाज पार्टी का प्रभाव बढ़ा।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर केंद्र की दो योजनाएं, सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर एक और बाबू जगजीवन राम के नाम पर एक योजना चल रही है।
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के नाम पर केंद्र सरकार एक योजना चला रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी इस योजना का नाम ‘कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय’ है।
केंद्र में भाजपा नीत राजग सरकार के गठन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापकों में शामिल पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर केंद्र की दो परियोजनाएं एवं संस्थान जबकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक संस्थान शुरू किया गया।
मौलाना अबुल कलाम के नाम पर तीन संस्थान एवं परियोजनाएं और जाकिर हुसैन के नाम पर एक परियोजना चल रही है। स्वामी विवेकानंद और रवीन्द्र नाथ टैगोर के नाम पर केंद्र के एक-एक संस्थान हैं।
हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने योजना मंत्रालय से जानकारी मांगी थी कि, ‘‘वर्तमान में देश में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी संजय गांधी आदि के नाम पर विभिन्न विभाग या मंत्रालय कितनी परियोजनाएं एवं संस्थान चला चल रहे हैं। इनका पूर्ण विवरण तिथि, नामकरण बताएं।’’
केंद्र सरकार की योजनाओं में सबसे अधिक 11 योजनाएं संस्कृति मंत्रालय की हैं।
सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय की आठ और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सात योजनाएं है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की पांच, सूचना एवं प्रसारण और युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय की चार-चार परियोजनाएं एवं संस्थान चल रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्रालय से जुड़ी तीन-तीन परियोजनाएं एवं संस्थान चल रहे हैं। आदिवासी मामलों, जल संसाधन, पंचायती राज, लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योग, पेयजल एवं स्वच्छता, कर्मिक, ऊर्जा, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से जुड़ी एक-एक परियोजना या संस्थान चल रहे हैं।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाली वीरांगना लक्ष्मी बाई के नाम पर केंद्र सरकार का एक संस्थान चल रहा है। राजा राम मोहन राय के नाम पर भी एक संस्थान चल रहा है।
खुदा बख्श और महर्षि संदीपनी के नाम पर केंद्र का एक-एक संस्थान है। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रॉय के नाम पर एक संस्थान संचालित है।
पंजाब में शांति स्थापित करने में योगदान देने वाले संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के नाम पर एक संस्थान चल रहा है। गनी खान चौधरी और पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र के नाम पर भी केंद्र का एक-एक संस्थान चल रहा है।
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