Guru Nanak Jayanti: भारत के 5 सबसे खूबसूरत गुरुद्वारे
Guru Nanak Jayanti कार्तिक पूर्णिमा के दिन धूमधाम से मनाई जाती है. गुरु नानक (Guru Nanak) का अवतरण संवत् 1526 में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन हुआ था. इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. सभी लोग इस दिन गुरुद्वारे में जाकर गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Birthday) को धूमधाम से मनाते हैं. भारत में कई ऐसे गुरुद्वारे हैं जो काफी खूबसूरत दिखते हैं. गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Dev Ji) के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के ऐसे 5 गुरुद्वारे जहां दर्शन करने के लिए लोग जाना पसंद करते हैं. गुरुद्वारे का अर्थ है-गुरु तक पहुंचने का द्वार या दरवाजा. गुरुद्वारे शांत होने के साथ-साथ काफी सुंदर भी होते हैं. भारत में कई ऐसे गुरुद्वारे हैं जो अपनी सुंदरता के लिए मशहूर है.
अमृतसर का गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब सिंह (Golden Temple)
अमृतसर का हरमंदिर साहिब सिंह गुरुद्वारा भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी प्रसिद्ध है. इस गुरुद्वारे को गोल्डन टेम्पल भी कहा जाता है. इस गुरुद्वारे को भारत के मुख्य दर्शनिक स्थलों में गिना जाता है. मान्यता है कि इस गुरुद्वारे को बचाने के लिए महाराणा रणजीत सिंह जी ने सोने से ढंक दिया था. इसलिए हरमंदिर साहिब सिंह गुरुद्वारे को स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा.
उत्तराखंड के चमोली जिले में श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा है. खास बात ये है कि ये गुरुद्वारा 4 हजार मीटर की ऊंचाई पर है. अक्टूबर से अप्रैल तक यहां बर्फबारी होती है. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस समय बंद कर दिया जाता है. यहां काफी लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. यह दिखने में भी काफी खूबसूरत है.
श्री हजूर साहिब अब्चालनगर साहिब गुरुद्वारा
श्री हजूर साहिब अब्चालनगर साहिब गुरुद्वारा का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने 1832 में करवाया था. कहा जाता है कि इसी जगह गुरु गोबिंद सिंह ने अपनी आखिरी सांस ली थी. सिख धर्म में 5 तख्तों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. ये गुरुद्वारा उन्हीं 5 तख्तों में से एक है. महाराष्ट्र के नांदेड में ये गुरुद्वारा है. जो दिखने में काफी सुंदर है.
मणिकरण साहिब गुरुद्वारा
मणिकरण साहिब गुरुद्वारा हिमाचल की पहाड़ियों के बीच बना हुआ है. यहां का नजारा बहुत ही सुंदर दिखाई देता है. मान्यता है यह वो पहली जगह है, जहां गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्रा के दौरान ध्यान लगाया था. यहां एक तरफ गुरुद्वारा है और दूसरी तरफ भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है. जिसे एक पुल से जोड़ा गया है.
श्री केश्घर साहिब गुरुद्वारा
पंजाब के आनंदपुर शहर में श्री केश्घर साहिब गुरुद्वारा है. यह गुरुद्वारा सिख धर्म के खास 5 तख्तों में से एक है. सिखों के 9वें गुरू तेग बहादुर ने आनंदपुर शहर की स्थापना की थी. इसी शहर में ये गुरुद्वारा है. जो दिखने में काफी सुंदर है और यहां मत्था टेकने के लिए काफी लोग पहुंचते हैं.
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श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा
उत्तराखंड के चमोली जिले में श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा है. खास बात ये है कि ये गुरुद्वारा 4 हजार मीटर की ऊंचाई पर है. अक्टूबर से अप्रैल तक यहां बर्फबारी होती है. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस समय बंद कर दिया जाता है. यहां काफी लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. यह दिखने में भी काफी खूबसूरत है.
श्री हजूर साहिब अब्चालनगर साहिब गुरुद्वारा
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मणिकरण साहिब गुरुद्वारा
मणिकरण साहिब गुरुद्वारा हिमाचल की पहाड़ियों के बीच बना हुआ है. यहां का नजारा बहुत ही सुंदर दिखाई देता है. मान्यता है यह वो पहली जगह है, जहां गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्रा के दौरान ध्यान लगाया था. यहां एक तरफ गुरुद्वारा है और दूसरी तरफ भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है. जिसे एक पुल से जोड़ा गया है.
श्री केश्घर साहिब गुरुद्वारा
पंजाब के आनंदपुर शहर में श्री केश्घर साहिब गुरुद्वारा है. यह गुरुद्वारा सिख धर्म के खास 5 तख्तों में से एक है. सिखों के 9वें गुरू तेग बहादुर ने आनंदपुर शहर की स्थापना की थी. इसी शहर में ये गुरुद्वारा है. जो दिखने में काफी सुंदर है और यहां मत्था टेकने के लिए काफी लोग पहुंचते हैं.
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