अक्सर देखा जाता है कि दीपावली पर दिल्ली में काफी प्रदूषण हो जाता है. पिछले साल दीपावली पर दिल्ली में काफी प्रदूषण हो गया था. इस साल प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए बाजार में ग्रीन क्रैकर्स की बिक्री की जाएगी. इन पटाखों की पहचान के लिए पैकेट के ऊपर यूनिक लोगो और क्यूआर कोड भी होगा. TOI की खबर के मुताबिक, सीएसआईआर- नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के ऑफिशियल्स ने करीब 550 पटाखे बनाने वालों को टेस्टिंग सर्टिफिकेट दिया है.
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इन ग्रीन क्रैकर्स को जलाने पर तेज आवाज और अच्छी खास रौशनी भी निकलेगी, जैसे कि आम पटाखों में होती है. लेकिन इससे धुआं कम होगा. इन पटाखों में एल्युमिनियम और बेरियम सॉल्ट का इस्तेमाल कम होगा. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अनुसार, ग्रीन क्रैकर्स में 35 से 40 प्रतिशत तक सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड रहता है. आम पटाखों में इसकी मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिससे काफी धुआं पैदा होता है. ग्रीन क्रैकर्स में इसकी कमी के कारण प्रदूषण कम होगा.
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TOI से बात करते हुए पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन के चीफ एमके झाला ने बताया कि इस दीपावाली पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन क्रैकर्स का इस्तेमाल होगा. जिन निर्माताओं को इसे बनाने की मंजूरी दी है उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है.
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एमके झाला ने कहा- 'ग्रीन क्रैकर्स में जो सामग्री डाली गई है, उसमें बेरियम नाइट्रेट नहीं है. जिन निर्माताओं ने अपने पटाखों में बेरियम नाइट्रेट का इस्तेमाल नहीं किया, हमने उन्हें ग्रीन क्रैकर्स की केटेगरी में रखा है.'
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