
जिलाधिकारी (डीएम) अजय शंकर पांडेय (Ajay Shankar Pandey) ने गुरुवार को गाजियाबाद में कलेक्ट्रेट (Ghaziabad Collectorate) में अधिकारियों को बिजली की बर्बादी की सूचना देने के बाद एक घंटे तक बिना बिजली (Work Without Electricity) के काम कराया. सुबह 9.30 बजे कलेक्ट्रेट के अचानक निरीक्षण पर डीएम को पता चला कि अधिकारियों के आने से पहले दो दर्जन से अधिक कार्यालयों में लाइट, पंखे और एयर-कंडीशनर खुले हुए थे.
जिला सूचना अधिकारी (डीआईओ) राकेश चौहान ने पीटीआई को बताया कि इसे राष्ट्रीय अपव्यय मानते हुए और सरकारी खजाने को हुए नुकसान को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को एक घंटे तक बिजली के बिना काम करने का आदेश दिया. डीएम ने खुद अपने चैंबर की लाइट, पंखे और एयर-कंडीशनर को बंद कर दिया और दरवाजे खोल दिए और अधिकारियों ने भी ऐसा ही किया.
उन्होंने निर्देश दिए कि कार्यालयों की सफाई के बाद, लाइट, पंखे और एयर कंडीशनर बंद रहेंगे. संबंधित अधिकारी कार्यालयों में उपस्थित रहने और बाहर जाने के समय लाइट, पंखे और एयर-कंडीशनर बंद कर देंगे.
इससे पहले, डीएम ने अचानक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का दौरा किया था, सभी अधिकारियों पर 1,000 रुपये का जुर्माना और परिवहन विभाग के सभी कर्मचारियों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया था.
इससे पहले महीने में, उन्होंने बेसिक शिक्षा अभियान पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया था, लिपिक कर्मचारियों पर 100 रुपये का जुर्माना और चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारियों पर 50 रुपये का जुर्माना लगाया था. बिजली और पेयजल की बर्बादी के लिए दोनों विभागों पर जुर्माना लगाया गया था.
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