विज्ञापन
This Article is From Sep 14, 2014

दिल्ली में 'कान तोड़' गैंग का कारनामा : हर साल हो रही करोड़ों के साइड व्यू मिरर की चोरी

ऑडी कार के साइड मिरर की चोरी की घटना कैमरे में कैद है

नई दिल्ली:

सुबह-सुबह जब दिल्ली में सड़कें और गली-मुहल्ले सुनसान होते हैं, तब कुछ लोग चंद सेकेंडों में ही लाखों की चोरी को अंजाम दे देते हैं। कहने और देखने में ये चोरियां छोटी लगती हैं, लेकिन ये कारोबार करोड़ों रुपये का है।

ये हैं घटनाएं-

31 अगस्त, 2014 की सुबह करीब 5:45 पर पॉश इलाके सीआर पार्क में एक ऐसी ही चोरी हुई। 60 लाख से ज्यादा कीमत वाली एक ऑडी क्यू 7 कार पर चोरों ने हाथ साफ किया। एक अधेड़ उम्र का शख्स हाथ में बोरी लिए आता है और पलक झपकते ही वह कार के साइड व्यू मिरर्स तोड़ता है और गायब हो जाता है। पूरी घटना घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाती है।

चोरी देखने में छोटी, लेकिन कार मालिक को चूना लगा पूरे ढाई लाख रुपये का, क्योंकि ऑडी क्यू 7 कार का एक साइड व्यू मिरर सवा लाख का है। कार मालिक सुनील ने थाने में मामला दर्ज कराया, लेकिन चोर का अब तक अता पता नहीं चला है।

अब सुनील के पास दो ऑप्शन हैं या तो वह साइड व्यू मिरर्स के लिए इश्योरेंस क्लेम करें, जिनमें उनको कुल कीमत की आधी रकम यानी करीब सवा लाख रुपये चुकाने होंगे या फिर वह बाजार से चोरी का साइड व्यू मिरर खरीदें, जो उन्हें 25 से 50 हजार रुपये में मिल जाएगा। सुनील को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वह क्या करें।

एक ऐसी ही दूसरी घटना 6 जून 2014 को सुबह करीब 4:15 बजे हुई, जब 38 लाख रुपये की ऑडी ए-4 के पीछे से एक सफेद रंग की आई 10 कार निकली। फिर वह चंद सेकेंड में लौटती है। कार से 20-25 साल के दो नौजवान निकलते हैं और बड़ी आसानी से ऑडी कार के साइड व्यू मिरर चोरी कर रफूचक्कर हो जाते हैं। यानी पूरे 1 लाख 60 हजार रुपये का झटका।

अब इस कार की मालकिन ने इश्योंरेस क्लेम के जरिये आधा पैसा यानी 80 हजार रुपये करके नए साइड व्यू मिरर्स लगवाए हैं। कार की मालकिन का कहना है कि उन्हें बाजार में दूसरे साइड व्यू मिरर 2500 रुपये में मिल रहे थे, लेकिन उन्होंने इसलिए नहीं लगवाए क्योंकि कभी कोई चोर पकड़ा गया, तो पुलिस उन तक भी पहुंच सकती है।

चोरी के तरीके और गैंग

दिल्ली में ऐसी घटनाएं अमूमन रोजाना होती हैं। बस चोरी के तरीके अलग-अलग होते हैं। पुलिस की भाषा में ऐसी चोरियों को अंजाम देने वालों को कान तोड़ गैंग कहते हैं। ऐसी कई चोरियों और उनसे जुड़े गिरोहों को पकड़ चुके दिल्ली पुलिस के सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह का कहना है कि दिल्ली में ऐसे करीब 30 गैंग हैं और इनमें करीब 100 लोग हैं।

ये चोर वारदात को सुबह-सुबह अंजाम देते हैं। ये लोग कूड़ा उठाने वाले के हुलिए में आते हैं। कई बार नाबालिग लड़कों को स्कूल की यूनिफॉर्म में भेजा जाता है। चोरी के साइड व्यू मिरर्स 5 से 15 हजार में बिकते हैं। जामा मस्जिद, कोटला मुबारकपुर, तिलक नगर, खान मार्केट और सीलमपुर में चोरी के सामान खरीदने वाली कुछ दुकानें हैं।

एक्सपर्ट की राय

ऑटो मोबाइल एक्सपर्ट टूटू धवन बताते हैं कि ये कम रिस्क में फायदे का धंधा है। दरअसल महंगी कारों को चोरी होने से बचाने के लिए कंपनियां उनकी सेफ्टी पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं, इसलिए अब कार चोरी के बजाय चोर साइड व्यू मिरर चुराना करना पसंद कर रहे हैं।

पकड़े जाते हैं आरोपी

वहीं क्राइम ब्रांच के डीसीपी एमए रिजवी का कहना है कि कम रिस्क, कम समय में चोरी और अच्छा पैसा, ऐसी ही वजहों ने कार चोरों को कार चोरी की बजाय कारों के पार्ट्स जैसे बैटरी, ईवीएम, स्टीरियो और टायर गायब करने की ओर खींचा है, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा हो रही है महंगी कारों के साइड व्यू मिरर की चोरी। इसमें चोरों के साथ-साथ इन्हें बेचने वाले दुकानदारों को भी मोटा मुनाफा होता है। रिजवी का कहना है कि समय-समय पर ऐसे गैंग पकड़े भी गए हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
कार चोरी, दिल्ली में सक्रिय चोर, कार पार्ट्स की चोरी, साइड मिरर की चोरी, ऑडी कार, कैमरे में कैद, Car Theft, Caught On Camera, Theft In Delhi, Car Parts Stolen, Thieves Gang In Delhi
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com