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This Article is From Apr 22, 2011

आईपीएल- 4 : गेल ने दिखाया, क्यों खास हैं वह

नई दिल्ली: वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान क्रिस गेल को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी टीमों ने जनवरी में हुई नीलामी में 'खरीदने' से इनकार कर दिया था लेकिन स्थानापन्न के तौर पर आईपीएल-4 में लौटे गेल ने शतक लगाकर जता दिया कि फ्रेंचाइजी टीमों का फैसला कितना गलत था। रोचक बात यह है कि 10 जनवरी को जब आईपीएल के मौजूदा सत्र के लिए बेंगलुरू में नीलामी चल रही थी और गेल के साथ-साथ भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को कोई खरीदार नहीं मिल रहा था, तब गेल आस्ट्रेलिया में बिग बैश टूर्नामेंट में 137 रनों की तूफानी पारी खेल रहे थे। यह भी अजीब संयोग है कि जिस कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल के दूसरे संस्करण में गेल से कप्तानी कराई थी, उसी ने चौथे संस्करण के लिए उन्हें अपनाने से इनकार कर दिया। नाइट राइडर्स की किस्मत देखिए कि गेल ने शुक्रवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए ईडन गार्डन्स में खेलते हुए उसी के खिलाफ शानदार शतक लगाया और लय से भटकी अपनी टीम के हीरो बने। मैच के बाद पवेलियन लौटते वक्त गेल के चेहरे पर इस शानदार प्रदर्शन की खुशी साफ देखी जा सकती थी। अपने साथियों से हाथ मिलाते वक्त उन्होंने कहा, "व्हॉट ए डेब्यू (कितनी अच्छी शुरुआत है।" आईपीएल के लिए गेल का नाम नया नहीं है लेकिन दरकिनार किए जाने के बाद गेल ने जिस अंदाज में आईपीएल में वापसी की है, उसे सही मायने में डेब्यू (नई शुरुआत) ही माना जा सकता है। दरअसल, गेल जिस कद और शैली के खिलाड़ी हैं, उसे देखते हुए उन्हें क्रिकेट के किसी भी स्वरूप के लिए नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। गेल के अलावा न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मैक्लम, भारत के वीरेंद्र सहवाग और यूसुफ पठान, पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी, दक्षिण अफ्रीका के अब्राहम डिविलियर्स और ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट स्थापित मैच जिताऊ खिलाड़ी रहे हैं और ऐसे खिलाड़ियों को नजरअंदाज करना सवर्था गलत फैसला करार दिया जाएगा। आईपीएल में अफरीदी नहीं खेल रहे हैं। उनके अलावा मैक्लम, पठान, सहवाग, डिविलियर्स और गिलक्रिस्ट को सम्मानित खरीदार मिले लेकिन किसी भी टीम ने गेल को अपने साथ जोड़ने की जहमत नहीं उठाई। इसके बाद गेल को वेस्टइंडीज की राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया। सभी टीमों को उनकी आधार कीमत 400,000 डॉलर काफी ज्यादा लगी। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड का केंद्रीय करार नकारने वाले गेल के पास बिग-बैश या फिर आईपीएल जैसे किसी आयोजन में लौटने के अलावा और कोई चारा नहीं था। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डर्क नैन्स के स्थानापन्न के तौर पर गेल को अपने साथ जोड़ने वाले रॉयल चैलेंजर्स के मालिक विजय माल्या ने साबित किया कि वह इतने सफल व्यवसायी क्यों हैं। खुद माल्या ने भी गेल को जनवरी में अपनाने से इनकार कर दिया था लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीता और कैरेबियाई क्रिकेट के केंद्रीय करार का रास्ता साफ हुआ, माल्या को लगा कि गेल को टीम में रखना उपयोगी साबित हो सकता है क्योंकि उन पर श्रीलंकाई खिलाड़ियों की तरह स्वदेश लौटने का कोई दबाव नहीं होगा। वह पूरे समर्पण से उनकी टीम के लिए खेल सकते हैं। इसी बीच नैन्स की पीठ में तकलीफ हुई और टीम प्रबंधन ने बिना देरी किए गेल को टीम में शामिल करने की मांग की। इसके लिए उसे नैन्स के बराबर राशि खर्च करनी थी। नैन्स को रॉयल चैलेंजर्स ने 200,000 डॉलर में अपने साथ जोड़ा था। गेल को भी इसी रकम पर टीम में शामिल किया गया। गेल को भले ही अपनी आधार कीमत से आधी कीमत पर आईपीएल-4 में खेलने का मौका मिला लेकिन ट्वेंटी-20 विश्व कप के इतिहास में पहला शतक लगाने वाले इस धुरंधर बल्लेबाज ने जिस स्तर का प्रदर्शन किया है, उससे आने वाले वक्त में उनके लिए फ्रेंचाइजी टीमों के बीच ऊंची से ऊंची कीमत लगाने की होड़ लगेगी।

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आईपीएल- 4, गेल
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