कभी डिलीवरी बॉय रहे कुणाल शाह बने अरबों की कंपनी के मालिक, CRED के संस्थापक की कहानी वायरल, लोगों को कर रही प्रेरित

हाल में इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने दिल्ली में एक कॉफी शॉप में मुलाकात के बाद एक्स पर कुणाल शाह से जुड़ा एक बेहद इंस्पायरिंग किस्सा शेयर किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कभी डिलीवरी बॉय रहे कुणाल शाह बने अरबों की कंपनी के मालिक, CRED के संस्थापक की कहानी वायरल, लोगों को कर रही प्रेरित

CRED के संस्थापक कुणाल शाह की इंस्पायरिंग स्टोरी वायरल

कुछ कहानियां बेहद प्रेरक होती हैं और जिंदगी का सबक सिखा जाती हैं. CRED के संस्थापक कुणाल शाह (Kunal Shah) की कहानी भी उन्हीं में से एक है. हाल में इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने दिल्ली में एक कॉफी शॉप में मुलाकात के बाद एक्स पर कुणाल शाह से जुड़ा एक बेहद इंस्पायरिंग किस्सा शेयर किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

संजीव बिखचंदानी ने अपने पोस्ट में बताया कि आईआईटी या आईआईएम डिग्री वाले कई स्टार्टअप संस्थापकों के उलट शाह ने परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मुंबई के विल्सन कॉलेज से फिलॉसोफी में डिग्री हासिल की. दिवालिया हो जाने के बाद शाह को अपनी फैमिली को सपोर्ट करने के लिए डिलीवरी बॉय और डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम करना पड़ा.

बिखचंदानी ने कॉफी शॉप में कुणाल के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘दिल्ली में एक कॉफी शॉप में कुणाल शाह के साथ बैठा. आईआईटी आईआईएम संस्थापकों की दुनिया में वह मुंबई के विल्सन कॉलेज से फि फिलॉसोफी में ग्रेजुएट हुए. मैंने उनसे पूछा कि उन्होंने फिलॉसोफी का अध्ययन क्यों किया - क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि क्लास 12 में उनके अंकों ने ही उन्हें उस विषय में प्रवेश दिलाया या यह फिलॉसोफी में रुचि के कारण था. उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. उनका परिवार दिवालिया हो गया था और उन्हें पूरे समय डिलीवरी बॉय और डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में काम करना पड़ा और फिलॉसोफी ही एकमात्र ऐसा विषय था जिसकी क्लासेस सुबह 8 बजे से 10 बजे तक होती थीं.. सैल्यूट.'

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ये पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है और कुणाल शाह की कहानी को लोग बेहद इंस्पायरिंग बता रहे हैं. धैर्य रखकर और धारा के विपरित जाकर कुणाल ने जिस तरह सफलता हासिल की उसे लोग प्रेरक बता रहे हैं. छोटी-मोटी नौकरियां करने से लेकर अरबों डॉलर की कंपनी CRED और फ्रीचार्ज की स्थापना तक की उनकी जर्नी इस बात को साबित करता है कि सफलता के कई रास्ते हो सकते हैं और आप अपना रास्ता खुद बनाते हैं.