महाराष्ट्र के पुणे शहर में रहने वाले आदित्य तिवारी को 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस यानी आज (रविवार) 'विश्व की सर्वश्रेष्ठ मां' के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. तिवारी सिंगल माता-पिता के रूप में अपने बेटे की देखभाल कर रहे हैं और उनका मानना है कि पालन-पोषण लिंग आधारित नहीं है. दरअसल तिवारी ने 2016 में डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे को गोद लिया था. बच्चे को गोद लेने के अपने अनुभव के बारे में बताते हुए तिवारी कहते हैं, 'मुझे डेढ़ साल के संघर्ष के बाद 1 जनवरी, 2016 को अवनीश की कानूनी हिरासत मिली. तब से हमारी यात्रा बहुत साहसी रही है. वह भगवान के सबसे अच्छे उपहारों में से एक है और मैं खुद को धन्य महसूस करता हूं.' वह कहते हैं, 'मैंने कभी भी खुद को एक मां या पिता के चरित्र में नहीं रखा है. मैंने हमेशा उसके लिए एक अच्छा माता-पिता और एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश की है.
पुणे में पुरानी आवासीय इमारत ढहने से 70 वर्षीय महिला समेत दो घायल
इसके आगे तिवारी बताते हैं, 'अवनीश ने मुझे सिखाया है कि माता-पिता कैसे बनें. यह एक स्टीरियोटाइप है कि केवल एक महिला ही बच्चे की देखभाल कर सकती है. इसी कारण मुझे गोद लेने के दौरान बहुत सारे मुद्दों का सामना करना पड़ा. सबसे अच्छी बात यह है कि एक अभिभावक के रूप में अवनीश ने मुझे स्वीकार कर लिया है.'
लॉस एंजिल्स में मेट्रो ट्रेन ने BMW कार के उड़ाए परखच्चे, फिर भी बच गया ड्राइवर, देखें VIDEO
बता दें, अवनीश को गोद लेने के बाद आदित्य तिवारी ने एक आईटी फर्म से नौकरी छोड़ दी थी और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग शुरू की थी. बौद्धिक विकलांग बच्चे को लाने के तरीकों पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भी आमंत्रित किया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं