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This Article is From Sep 04, 2021

हाथी ने प्यास बुझाने के लिए किया गजब जुगाड़, सूंड से चलाया हैंडपंप, फिर ऐसे पिया पानी - देखें Video

“एक हाथी भी पानी की एक-एक बूंद के महत्व को समझता है. फिर हम मनुष्य इस अमूल्य संसाधन को क्यों बर्बाद करते हैं, आइए, आज इस जानवर से सीख लें और #जल_संरक्षण करें.”

हाथी ने प्यास बुझाने के लिए किया गजब जुगाड़, सूंड से चलाया हैंडपंप, फिर ऐसे पिया पानी - देखें Video
हाथी ने प्यास बुझाने के लिए किया गजब जुगाड़, सूंड से चलाया हैंडपंप

जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) ने एक वीडियो शेयर किया है जो जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालता है. वीडियो में दिखाया गया है कि एक हाथी (elephant) अपने हिस्से का पीने का पानी लेने के लिए एक हैंडपंप चला रहा है, शायद इसलिए कि उसे प्यास लगने पर पास की झील या तालाब जैसा प्राकृतिक स्रोत नहीं मिल रहा था. उस संघर्ष ने उसे पानी की एक-एक बूंद के महत्व का एहसास कराया और उसने केवल इतना पानी हैंडपंप से निकाला जो उसकी प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त होगा. वीडियो में हाथी को पीने के लिए जमीन पर जमा पानी इकट्ठा करने के लिए अपनी सूंड का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है.

वीडियो के जरिए मंत्रालय का संदेश स्पष्ट था: पानी का संरक्षण करें या प्राकृतिक पानी के स्रोत को खोजने के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार रहें. वीडियो में दिखाया गया है कि हाथी ने जरूरत से ज्यादा पानी नहीं निकाला, ऐसे लोगों की तरह नहीं जो नल को खुला और लावारिस छोड़ देते हैं.

मंत्रालय  द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “एक हाथी भी पानी की एक-एक बूंद के महत्व को समझता है. फिर हम मनुष्य इस अमूल्य संसाधन को क्यों बर्बाद करते हैं, आइए, आज इस जानवर से सीख लें और #जल_संरक्षण करें.” इस वीडियो को अब तक 26 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

देखें Video:

पानी की बर्बादी से निराश दिखे एक ट्विटर यूजर ने सुझाव दिया कि जानवर इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान होते हैं.

पानी पृथ्वी के 70 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है और फिर भी पर्याप्त ताजा पानी नहीं है - जितना हम पीते हैं, स्नान करते हैं और अपने खेतों की सिंचाई करते हैं. दुनिया का केवल 3 प्रतिशत पानी ही मीठे पानी का है और उसमें से दो-तिहाई जमे हुए ग्लेशियर हैं, जिसका अर्थ उपयोग के लिए अनुपलब्ध है. जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप असमान मौसम पैटर्न के कारण पड़ोस के जलाशय सूख रहे हैं.

जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना 2019 में स्वच्छ पेयजल प्रदान करने के साथ-साथ काउंटी की पानी की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से की गई थी.

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