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This Article is From Apr 18, 2017

70 के मिस्टर और 64 की मिसेज ने ऐसे लचकाई कमर, डांस फ्लोर पर लग गई 'आग'

70 के मिस्टर और 64 की मिसेज ने ऐसे लचकाई कमर, डांस फ्लोर पर लग गई 'आग'
जर्मनी के डांस शो में बुजुर्ग पति-पत्नी ने जोरदार डांस प्रस्तुत किया.
बर्लिन: कहते हैं इंसान उम्र से नहीं, दिल से जवान होता है. इसी बात का एक उदाहरण जर्मनी में देखने को मिला. यहां बुजुर्ग पति-पत्नी ने एक डांस शो में ऐसी परफॉर्मेंस दी की वहां मौजूद सारे लोग दंग रह गए. किसी ने सोचा ही नहीं था कि 70 साल के डाइटमार (Dietmar) और उनकी 64 वर्षीय पत्नी नीलिया एहरेनट्रॉट (Nellia Ehrentraut) इस उम्र में भी इतने जोश और उमंग के साथ डांस करेंगी. बुजुर्गों के 'बुगी वुगी' डांस कार्यक्रम में यह जोड़ी फ्लोर पर पहुंची तो इनकी उम्र देखकर लोगों ने किसी स्लो मोशन गाने पर इनके परफॉर्मेंश देने की उम्मीद की थी, लेकिन जिस अंदाज में इन्होंने जज और दर्शकों का अभिवादन किया उसी से लगने लगा कि ये कोई जोरदार प्रस्तुति देंगे. हुआ भी ऐसा ही, इस जोड़ी ने धमाकेदार डांस प्रस्तुत कर सबको हैरत में डाल दिया. इन्होंने डांस के ऐसे-ऐसे स्टेप किए जिसे करने में शायद यंग लोगों को भी मुश्किल आए, लेकिन इनका परफॉर्मेंस देखकर ऐसा लग रहा था मानो इनके अंदर अभी भी किसी जवान इंसान से कम ताकत नहीं है.

एबीसी न्यूज के मुताबिक धमाकेदार डांस करने वाले डाइटमार और नीलिया की इस जोड़ी की 1970 में शादी हुई थी. यानी दोनों 70 साल से पति-पत्नी हैं. ये दोनों 1930, 40 और 50 में  डांस की विभिन्न शैलियों में पुरस्कार जीत चुके हैं.


अच्छी सेहत के लिए बुजुर्ग करें सालसा या चा-चा-चा डांस

पिछले साल अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस की ओर से कराए गए अध्ययन में सामने आया था कि लातिन अमेरिकी डांस चा-चा-चा या सालसा बुजुर्गों के लिए स्वाथ्यवर्धक साबित हो सकता है. अध्ययन में पाया गया कि इन नृत्यों से बुजुर्गों को तेजी से टहलने में मदद मिल सकती है और वे शारीरिक रूप से दुरुस्त रह सकते हैं, इससे दिल की बीमारी का खतरा भी कम हो सकता है.

अध्ययन में देखा गया कि नृत्य कार्यक्रम में शामिल होने से पहले बुजुर्ग जितना शारीरिक रूप से सक्रिय और जितनी तेज चल सकते थे, उससे कहीं अधिक वे नृत्य शुरू करने के बाद खाली समय में सक्रिय दिखे. नृत्य कार्यक्रम शुरू करते समय बुजुर्ग पहले 430 सेकेंड में 400 मीटर टहलते थे, लेकिन बाद में वे यह दूरी 392 सकेंड में ही तय करने लगे. इतना ही नहीं अवकाश काल में उनकी शारीरिक सक्रियता की क्षमता 630 मिनट से बढ़ कर 818 मिनट भी हो गई. लेकिन वहीं जो लोग स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों में शामिल थे, उनकी शारीरिक सक्रियता में मामूली सुधार देखा गया.

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