मुनेस 2015 से ही जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं
नई दिल्ली:
अगर कोई महिला प्रेग्नेंट हो तो लोग अपने-अपने तरह से उसकी मदद कर देते हैं. लेकिए एक ऐसा भी ऑटो ड्राइवर है जो गर्भवती महिलाओं को फ्री में बैठाकर उनकी मदद करता है. जी हां, यहां बात हो रही है मुनेस मानगुली की, जो कर्नाटक के रहने वाले हैं.
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मुनेस प्रेग्नेंट महिलाओं के अलावा नई मांओं, शारीरिक रूप से अपंग व्यक्तियों और सैनिकों को भी मुफ्त में ऑटो में बैठाकर उनके गंतव्य तक छोड़ते हैं. 42 साल के मुनेस बीए पास हैं और पिछले 11 सालों से ऑटो चला रहे हैं. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि मुनेस इतने सक्षम नहीं है कि वे अपना ऑटो खरीद सकें. इसलिए वे किराए का ऑटो चलाते हैं और उसके मालिक को रोजाना 250 रुपये का किराया देते हैं.
अब आप खुद अंदाजा लगा लीजिए कि इन सबके बावजूद मुनेस वक्त-बेवक्त जरूरतमंद लोगों की मदद करने से गुरेज नहीं करते. द हिन्दू से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने साफ-साफ लिखा है कि मैं किन लोगों को फ्री राइड देता हूं. वे मुझे फोन कर सकते हैं. कई लोगों के पास मेरे नंबर हैं. अगर मैं किसी हॉस्पिटल से आ रहा हूं तो मैं ऐसे लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से उनके घर या रेलवे स्टेशन पर छोड़ देता हूं.'
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अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर मुनेस किस बात से प्रेरित होकर लोगों की इस तरह मदद कर रहे हैं? दरअसल, 1992 में मुनेस की आंखों के सामने एक प्रेग्नेंट महिला की मौत सिर्फ इसलिए हो गई थी क्योंकि उसे अस्पताल ले जाने के कले लिए उस वक्त वहां कोई गाड़ी मौजूद नहीं थी. तो जब उन्होंने घर का खर्च चलाने के लिए ऑटो चलाना शुरू किया तब उन्होंने फैसला लिया कि वे ऐसे लोगों की मदद करेंगे.
मुनेस साल 2015 से ही जरूरतमंद लोगों को फ्री में सेवा दे रहे हैं. यही नहीं बकायदा उनके पास लॉग बुक भी है, जिसमें ऐसे लोगों के नाम दर्ज है जिन्हें उन्होंने फ्री राइड दी है. उनकी किताब के मुताबिक अब तक वे दो हजार से भी ज्यादा लोगों की मदद कर चुके हैं.
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अब आप खुद अंदाजा लगा लीजिए कि इन सबके बावजूद मुनेस वक्त-बेवक्त जरूरतमंद लोगों की मदद करने से गुरेज नहीं करते. द हिन्दू से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने साफ-साफ लिखा है कि मैं किन लोगों को फ्री राइड देता हूं. वे मुझे फोन कर सकते हैं. कई लोगों के पास मेरे नंबर हैं. अगर मैं किसी हॉस्पिटल से आ रहा हूं तो मैं ऐसे लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से उनके घर या रेलवे स्टेशन पर छोड़ देता हूं.'
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मुनेस साल 2015 से ही जरूरतमंद लोगों को फ्री में सेवा दे रहे हैं. यही नहीं बकायदा उनके पास लॉग बुक भी है, जिसमें ऐसे लोगों के नाम दर्ज है जिन्हें उन्होंने फ्री राइड दी है. उनकी किताब के मुताबिक अब तक वे दो हजार से भी ज्यादा लोगों की मदद कर चुके हैं.
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