नोटिस में कहा गया है कि विद्यार्थी वार्षिक समारोह के दौरान 'पूरी तरह शरीर को ढकने वाली सभ्य भारतीय या पश्चिमी पोशाक पहनें...'
नई दिल्ली:
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यानी आईआईटी, दिल्ली के मिला होस्टल में लगाया गया एक नोटिस सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है... संस्थान के हिमाद्रि होस्टल में लगाए गए इस नोट में विद्यार्थियों से कहा गया है कि वे आगामी वार्षिक समारोह के दौरान 'पूरी तरह शरीर को ढकने वाली सभ्य भारतीय या पश्चिमी पोशाक पहनें...' होस्टल के वार्डन के दस्तखत से जारी हुआ यह नोटिस सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर 'पिंजरा तोड़ : ब्रेक द होस्टल लॉक्स' पेज पर यह ख़बर लिखे जाने से सिर्फ दो घंटे पहले ही शेयर किया गया है... हालांकि आईआईटी, दिल्ली ने इस तरह का कोई भी ड्रेस कोड थोपे जाने का खंडन किया है...
16 अप्रैल को लगाए गए इस नोटिस में संस्थान के वार्षिक कार्यक्रम 'हाउस डे' के बारे में जानकारी दी गई है... इस कार्यक्रम के दौरान संस्थान में रहकर ही पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को एक घंटे के लिए अपने होस्टल में मेहमानों को बुलाने की इजाज़त दी जाती है... इस साल यह कार्यक्रम 20 अप्रैल को आयोजित होना है...
नोटिस की तस्वीर के साथ लिखी फेसबुक पोस्ट में सवाल किया गया है, "हमारे प्रशासकों को इस बात की चिंता क्यों होती है, और इसकी बेहद ज़रूरत क्यों महसूस होती है कि महिलाएं क्या पहनें... हर दूसरे दिन किसी न किसी संस्थान में इसी तरह का ऊटपटांग फरमान जारी होता रहता है..."
उधर, आईआईटी, दिल्ली का कहना है कि उनका इस कार्यक्रम के लिए किसी भी तरह का ड्रेस कोड थोपने का कोई इरादा नहीं है...
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर रामगोपाल राव ने NDTV से कहा, "मैं खुद संबंधित वार्डन से बात करूंगा, और इस तरह के नोटिस को वापस लेने के लिए कहूंगा... यह पूरी तरह उनकी (वार्डन की) निजी सोच है, जो उन्होंने वार्डन की हैसियत से लगा दी है... हमारा किसी भी तरह का कोई ड्रेस कोड थोपने का कोई इरादा नहीं है..."
बहरहाल, इसी पोस्ट पर आए एक कमेंट में जानकारी दी गई है कि इस नोटिस को वापस ले लिया गया है...
16 अप्रैल को लगाए गए इस नोटिस में संस्थान के वार्षिक कार्यक्रम 'हाउस डे' के बारे में जानकारी दी गई है... इस कार्यक्रम के दौरान संस्थान में रहकर ही पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को एक घंटे के लिए अपने होस्टल में मेहमानों को बुलाने की इजाज़त दी जाती है... इस साल यह कार्यक्रम 20 अप्रैल को आयोजित होना है...
नोटिस की तस्वीर के साथ लिखी फेसबुक पोस्ट में सवाल किया गया है, "हमारे प्रशासकों को इस बात की चिंता क्यों होती है, और इसकी बेहद ज़रूरत क्यों महसूस होती है कि महिलाएं क्या पहनें... हर दूसरे दिन किसी न किसी संस्थान में इसी तरह का ऊटपटांग फरमान जारी होता रहता है..."
उधर, आईआईटी, दिल्ली का कहना है कि उनका इस कार्यक्रम के लिए किसी भी तरह का ड्रेस कोड थोपने का कोई इरादा नहीं है...
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर रामगोपाल राव ने NDTV से कहा, "मैं खुद संबंधित वार्डन से बात करूंगा, और इस तरह के नोटिस को वापस लेने के लिए कहूंगा... यह पूरी तरह उनकी (वार्डन की) निजी सोच है, जो उन्होंने वार्डन की हैसियत से लगा दी है... हमारा किसी भी तरह का कोई ड्रेस कोड थोपने का कोई इरादा नहीं है..."
बहरहाल, इसी पोस्ट पर आए एक कमेंट में जानकारी दी गई है कि इस नोटिस को वापस ले लिया गया है...
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