डॉक्टर अब्दुल कलाम की फाइल फोटो (एपी)
चेन्नई:
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जाना देश को एक अपूर्णनीय क्षति है। यदि वह जीवित रहते तो देश और समाज को आगे भी बहुत कुछ देते रहते। वह तमिलनाडु के विकास के संबंध में एक 'महत्वाकांक्षी किताब' पर काम कर रहे थे। यह किताब तमिल भाषा में लिखी जा रही थी।
इस किताब के उन्होंने 7 चैप्टर पूरे कर लिए थे। यह किताब तकरीबन पूरी ही होने वाली थी कि कलाम बीच में ही चले गए। कलाम की 'विजन 2020' में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की कल्पना की गयी थी और इसी प्रकार कलाम तमिलनाडु के लिए भी ऐसी ही एक किताब पर काम कर रहे थे ।
किताब के सह लेखक और कलाम के वैज्ञानिक सलाहकार वी पोनराज ने बताया, 'एन्नाथिल नालामिरूंथाल कनावू तमिलगम उरूवागम, पुयालाई थांडीनाल थेंडराल' शीर्षक वाली किताब के 7 अध्यायों को काफी विस्तृत विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप दे दिया गया था।
उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को इस किताब पर उनकी कलाम से अंतिम बात हुई थी। पोनराज ने तमिल टीवी चैनल को बताया, 'वह एक विकसित तमिलनाडु का सपना देखते थे और चाहते थे कि यह राज्य फले-फूले। किताब में उनके इसी विजन को पेश किया गया है।' कलाम अंतिम समय तक सक्रिय थे और अपने ट्विटर एकाउंट पर उन्होंने शिलांग व्याख्यान के बारे में लिखा था जो उनका अंतिम भाषण रहा।
डॉ. कलाम से जुड़ी और जानकारी और समाचारों के लिए नीचे दी गई खबरों पर क्लिक करें-
पीएम मोदी, सोनिया समेत कई नेताओं ने डॉ. कलाम के निधन पर जताया गहरा शोक
पीएम मोदी, सोनिया समेत कई नेताओं ने डॉ. कलाम के निधन पर जताया गहरा शोक
पूर्व राष्ट्रपति कलाम के लिए ट्विटर पर श्रद्धांजलि देनेवालों का तांता
ऐसा रहा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम का सफर, कईयों के लिए रहे प्रेरणा स्रोत
अण्णा हजारे ने कलाम को बताया 'प्रेरणा', हामिद अंसारी बोले- 'भारत का सच्चा बेटा'
डॉ. कलाम की 5 पांच बातें जो बदल देंगी आपका जीवन
'मिसाइल मैन' के बारे में ये खास बातें जानते हैं आप?
अस्पताल लाए जाने से पहले अंतिम सांस ले चुके थे कलाम : डॉक्टर
इस किताब के उन्होंने 7 चैप्टर पूरे कर लिए थे। यह किताब तकरीबन पूरी ही होने वाली थी कि कलाम बीच में ही चले गए। कलाम की 'विजन 2020' में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की कल्पना की गयी थी और इसी प्रकार कलाम तमिलनाडु के लिए भी ऐसी ही एक किताब पर काम कर रहे थे ।
किताब के सह लेखक और कलाम के वैज्ञानिक सलाहकार वी पोनराज ने बताया, 'एन्नाथिल नालामिरूंथाल कनावू तमिलगम उरूवागम, पुयालाई थांडीनाल थेंडराल' शीर्षक वाली किताब के 7 अध्यायों को काफी विस्तृत विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप दे दिया गया था।
उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को इस किताब पर उनकी कलाम से अंतिम बात हुई थी। पोनराज ने तमिल टीवी चैनल को बताया, 'वह एक विकसित तमिलनाडु का सपना देखते थे और चाहते थे कि यह राज्य फले-फूले। किताब में उनके इसी विजन को पेश किया गया है।' कलाम अंतिम समय तक सक्रिय थे और अपने ट्विटर एकाउंट पर उन्होंने शिलांग व्याख्यान के बारे में लिखा था जो उनका अंतिम भाषण रहा।
डॉ. कलाम से जुड़ी और जानकारी और समाचारों के लिए नीचे दी गई खबरों पर क्लिक करें-
पीएम मोदी, सोनिया समेत कई नेताओं ने डॉ. कलाम के निधन पर जताया गहरा शोक
पीएम मोदी, सोनिया समेत कई नेताओं ने डॉ. कलाम के निधन पर जताया गहरा शोक
पूर्व राष्ट्रपति कलाम के लिए ट्विटर पर श्रद्धांजलि देनेवालों का तांता
ऐसा रहा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम का सफर, कईयों के लिए रहे प्रेरणा स्रोत
अण्णा हजारे ने कलाम को बताया 'प्रेरणा', हामिद अंसारी बोले- 'भारत का सच्चा बेटा'
डॉ. कलाम की 5 पांच बातें जो बदल देंगी आपका जीवन
'मिसाइल मैन' के बारे में ये खास बातें जानते हैं आप?
अस्पताल लाए जाने से पहले अंतिम सांस ले चुके थे कलाम : डॉक्टर
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं