प्रतीकात्मक चित्र
कोच्चि:
केरल में पहली बार डॉक्टरों के एक दल ने 29 हफ्तों के भ्रूण के दिल का आपरेशन किया है। डॉक्टरों ने अजन्मे बच्चे के दिल के निलय (चेंबर/वेंट्रिकल्स) के संकुचन को ठीक करने के लिए यह ऑपरेशन किया। इस प्रक्रिया को 'एऑर्टिक वल्वुलोप्लास्टी' कहा जाता है। इसे अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टरों ने अंजाम दिया है।
29 सप्ताह का यह भ्रूण 'एऑर्टिक स्टिनोसिस' से पीड़ित था। इसमें हृदय का महाधमनी वॉल्व काफी संकुचित हो जाता है। जिसके कारण बच्चे के वेंट्रिकल्स (निलय) में खून का प्रवाह सामान्य रूप से हो नहीं पाता है। इससे हृदयघात होने का खतरा होता है।
इस ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों को उम्मीद है कि जन्म के वक्त बच्चे में रक्त प्रवाह सामान्य रहेगा। डॉक्टर बालू वैद्यनाथन के नेतृत्व में हुए इस ऑपरेशन के बाद मां और भ्रूण की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। वैद्यनाथन के अनुसार, "गर्भावस्था के आगामी सप्ताह में हम उम्मीद करते हैं कि वेंट्रिकुलर कार्यतंत्र बेहतर होगा और बच्चे का जन्म स्थिर रक्त प्रवाह के साथ होगा।"
29 सप्ताह का यह भ्रूण 'एऑर्टिक स्टिनोसिस' से पीड़ित था। इसमें हृदय का महाधमनी वॉल्व काफी संकुचित हो जाता है। जिसके कारण बच्चे के वेंट्रिकल्स (निलय) में खून का प्रवाह सामान्य रूप से हो नहीं पाता है। इससे हृदयघात होने का खतरा होता है।
इस ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों को उम्मीद है कि जन्म के वक्त बच्चे में रक्त प्रवाह सामान्य रहेगा। डॉक्टर बालू वैद्यनाथन के नेतृत्व में हुए इस ऑपरेशन के बाद मां और भ्रूण की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। वैद्यनाथन के अनुसार, "गर्भावस्था के आगामी सप्ताह में हम उम्मीद करते हैं कि वेंट्रिकुलर कार्यतंत्र बेहतर होगा और बच्चे का जन्म स्थिर रक्त प्रवाह के साथ होगा।"
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