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This Article is From Feb 10, 2024

सरकारी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में अपना Pre-Wedding फोटोशूट करा रहा था डॉक्टर, वायरल हुआ Video, गई नौकरी

यह घटना वीडियो में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे आक्रोश फैल गया और कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने त्वरित कार्रवाई की.

सरकारी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में अपना Pre-Wedding फोटोशूट करा रहा था डॉक्टर, वायरल हुआ Video, गई नौकरी
ऑपरेशन थिएटर में अपना Pre-Wedding फोटोशूट करा रहा था डॉक्टर

कर्नाटक (Karnataka) के चित्रदुर्ग जिले के एक सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करने वाले एक डॉक्टर (Doctor) को ऑपरेशन थियेटर (Operation Theatre) के भीतर प्री-वेडिंग फोटोशूट (Pre-Wedding Photoshoot) करवाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया. यह घटना वीडियो में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे आक्रोश फैल गया और कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने त्वरित कार्रवाई की.

फुटेज में अधिकारियों द्वारा पहचाने गए डॉ. अभिषेक को एक मरीज की सर्जरी करते हुए दिखाया गया है, जबकि उनकी मंगेतर इस नकली ऑपरेशन में उनकी सहायता करती नजर आ रही है. कपल को चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करते हुए देखा जा सकता है और ऑपरेशन थिएटर की लाइट्स भी जल रही हैं. आपको वीडियो देखकर ऐसा लगेगा मानो सच में किसी मरीज का ऑपरेशन चल रहा है. इस दौरान कैमरापर्सन और तकनीशियनों को वीडियो में हंसते हुए देखकर सोशल मीडिया पर लोग भड़के हुए हैं.

देखें Video:

देखकर ऐसा लग रहा है मानो फोटोशूट में ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है कि शादी करने वाला कपल अस्पताल में ही कार्यरत है या फिर उनका पेशा ही चिकित्सा से जुड़ा है. वीडियो का समापन मॉक सर्जरी के बाद "रोगी" के बैठने और हंसने के साथ होता है.

ऑनलाइन व्यापक आलोचना के बाद, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने डॉ. अभिषेक को तत्काल बर्खास्त करने का आदेश दिया. मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि "सरकारी अस्पताल जनता की सेवा के लिए हैं, व्यक्तिगत व्यस्तताओं के लिए नहीं" और उन्होंने इस तरह की "अनुशासनहीनता" के प्रति उनके रवैये को गलत और अमानवीय बताया.

मंत्री ने एक ट्वीट में लिखा, "चित्रदुर्ग के भारमसागर सरकारी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में प्री-वेडिंग शूट करने वाले एक डॉक्टर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. सरकारी अस्पताल लोगों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए हैं, न कि निजी काम के लिए. मैं डॉक्टरों की ऐसी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं कर सकता." 

मंत्री ने आगे लिखा कि स्वास्थ्य विभाग में कर्तव्य निभाने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों सहित सभी अनुबंध कर्मचारियों को सरकारी सेवा नियमों के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए. सरकारी अस्पतालों में इस तरह का दुर्व्यवहार न हो, इसके लिए मैंने पहले ही संबंधित डॉक्टरों और सभी कर्मचारियों को सावधान रहने के निर्देश दे दिए हैं.'

उन्होंने कहा, "हर किसी को कर्तव्य पालन पर ध्यान देना चाहिए, यह जानते हुए कि सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों को दी जाने वाली सुविधाएं आम लोगों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए हैं."

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