फेसबुक से पता चल जाएगा आप डिप्रेशन में हैं या नहीं
वाशिंगटन:
आपकी फेसबुक या इंस्टाग्राम की तस्वीरें बता सकती हैं कि आप अवसाद से पीड़ित हैं या नहीं... वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया कंप्यूटर प्रोग्राम विकसित किया है, जो डॉक्टरों की तुलना में बेहतर तरीके से, आपकी सोशल मीडिया की पोस्ट के जरिए अवसाद का पता लगा सकता है. यह प्रोग्राम 70 प्रतिशत तक तनावग्रस्त लोगों का सटीक पता लगा सकता है.
पढ़ें: सावधान! तनाव से दिमाग की संरचना में हो सकता है बदलाव...
अमेरिका की वर्मोंट विश्वविद्यालय के क्रिस्टोफर डेनफोर्थ ने कहा, मशहूर सोशल मीडिया ऐप पर कुछ लोगों के अकांउटों के विश्लेषणों में हमने पाया कि अवसादग्रस्त लोगों की तस्वीरों के रंग गहरे थे, उन पर समुदाय के लोगों ने अधिक कमेंट (टिप्पणी) किए थे, इनमें चेहरे अधिक नजर आए और फिल्टर का इस्तेमाल कम किया गया. डेनफोर्थ ने कहा, जब वह फिल्टर का इस्तेमाल करते भी थे तो तस्वीर को ब्लैक एंड व्हाइट करने के लिए. अवसादग्रस्त पाए गए लोगों ने अन्य लोगों की तुलना में कई अधिक पोस्ट भी किए. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सामाजिक संवाद के बढ़ने से मानसिक और शारीरिक बीमारियों से पीड़ित लोगों की शुरुआती पहचान एल्गोरिथम के जरिए किए जाने की संभावना बढ़ गई है.
शोधकर्ताओं ने मशहूर सोशल मीडिया एप के 166 यूजर के 43,950 तस्वीरों का विश्लेषण करने के लिए इस कंप्यूटर प्रोग्राम का इस्तेमाल किया. इनमें 71 ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें क्लीनिकल जांच के बाद अवसाद होने की बात पता चली थी. यह अध्ययन पत्रिका ‘ईपीजे डाटा साइंस’ में प्रकाशित हुआ था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अमेरिका की वर्मोंट विश्वविद्यालय के क्रिस्टोफर डेनफोर्थ ने कहा, मशहूर सोशल मीडिया ऐप पर कुछ लोगों के अकांउटों के विश्लेषणों में हमने पाया कि अवसादग्रस्त लोगों की तस्वीरों के रंग गहरे थे, उन पर समुदाय के लोगों ने अधिक कमेंट (टिप्पणी) किए थे, इनमें चेहरे अधिक नजर आए और फिल्टर का इस्तेमाल कम किया गया. डेनफोर्थ ने कहा, जब वह फिल्टर का इस्तेमाल करते भी थे तो तस्वीर को ब्लैक एंड व्हाइट करने के लिए. अवसादग्रस्त पाए गए लोगों ने अन्य लोगों की तुलना में कई अधिक पोस्ट भी किए. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सामाजिक संवाद के बढ़ने से मानसिक और शारीरिक बीमारियों से पीड़ित लोगों की शुरुआती पहचान एल्गोरिथम के जरिए किए जाने की संभावना बढ़ गई है.
शोधकर्ताओं ने मशहूर सोशल मीडिया एप के 166 यूजर के 43,950 तस्वीरों का विश्लेषण करने के लिए इस कंप्यूटर प्रोग्राम का इस्तेमाल किया. इनमें 71 ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें क्लीनिकल जांच के बाद अवसाद होने की बात पता चली थी. यह अध्ययन पत्रिका ‘ईपीजे डाटा साइंस’ में प्रकाशित हुआ था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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