
कभी उपेक्षा का शिकार ऐतिहासिक शीशमहल के जीर्णोद्धार का काम दो साल पहले DDA और ASI ने शुरु किया था. इसके आसपास पानी भरा रहता था और शीशमहल के अंदर मिट्टी और गाद भर गई थी. लाखौरी ईंट और चूने पत्थर से बनी इस इमारत की मरम्मत का काम आसान नहीं था, लेकिन अब इसे पूरी तरह से जीर्णोद्धार कर दिया गया है. साथ ही मुगलकालीन शालीमार बाग को भी पुराने स्वरूप में लाया गया है. यहां दो कैफ़े भी बनाए गए हैं, ताकि घूमने के लिए जो लोग आए वो यहां बैठ सकें, लेकिन शीश महल कैसा था किसने बनवाया था और इसका जीर्णोद्धार कैसे हुआ...आइए ये जानने की कोशिश करते हैं.
कैसे बना था ऐतिहासिक शीशमहल
दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त पूर्व मुख्यमंत्री का बंगला कथित शीशमहल पर जमकर राजनीति हुई. आरोप लगे कि दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सरकारी बंगले पर करोड़ों खर्च किए, लेकिन क्या आपको पता है कि दिल्ली में असली ऐतिहासिक शीशमहल कहां है? ये है ऐतिहासिक शीशमहल जो दिल्ली के शालीमार बाग के अंदर है, इसका जीर्णोद्धार दो साल पहले शुरु हुआ था. अब इसको बुधवार से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. 1653 में मुगल बादशाह शाहजहां की तीसरी पत्नी इजउन्न निशां ने शालीमार बाग के भीतर अकबराबादी महल बनवाया था. इसकी सफ़ेद ख़ूबसूरती देखकर बाद में इसे शीश महल के नाम से पुकारा जाने लगा.

औरंगज़ेब का राज्याभिषेक ब्रिटिश अधिकारी भी कभी यहीं ठहरते थे
ऐतिहासिक शीशमहल में ही औरंगज़ेब की ताजपोशी हुई थी. शालीमार बाग से घरों इसी शीशमहल में ही कभी ब्रिटिश रेज़िडेंट डेविड ग्रीष्म अवकाश बिताते थे. कभी दिल्ली का ये महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान के तौर पर मशहूर था, लेकिन वक़्त बीतने के साथ इस शीशमहल को लोगों ने भुला दिया.
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