प्रौद्योगिकी के बढ़ते वर्चस्व वाली दुनिया में, महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने एक चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला है. उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक छोटा बच्चा, जिसे खाने का एक टुकड़ा दिया गया है, वो उसे स्मार्टफोन समझ लेता है और इसे अपने कान के पास रखता है जैसे कि वो मोबाइल पर बात कर रहा है.
बच्चे की इस हरकत पर महिंद्रा की पोस्ट मजाकिया और विचारोत्तेजक दोनों है. उनका सुझाव है कि एक प्रजाति के रूप में हमारी प्राथमिकताएं डिजिटल युग में नाटकीय रूप से बदल गई हैं, स्मार्टफोन अब पारंपरिक रूप से हिंदी वाक्यांश "रोटी, कपड़ा और मकान" (भोजन, कपड़ा और आश्रय) द्वारा संक्षेपित बुनियादी आवश्यकताओं पर प्राथमिकता ले रहा है. उनकी पोस्ट में लिखा है, ''अरे नहीं, नहीं, नहीं...'' यह सच है. हमारी प्रजाति अपरिवर्तनीय रूप से उत्परिवर्तित हो गई है.. यह अब फोन है, और उसके बाद ही रोटी, कपड़ा और मकान...!”
देखें Video:
Oh no, no, no….
— anand mahindra (@anandmahindra) January 20, 2024
It's true. Our species has irreversibly mutated..
It's now PHONE, and only AFTER that Roti, Kapda aur Makaan…! pic.twitter.com/49PmgGOYDV
यह वीडियो, जिसे सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पसंद किया है, यह याद दिलाता है कि मोबाइल उपकरणों ने किस हद तक हमारे दैनिक जीवन पर हावी हो गए हैं. यह हमारे व्यवहार और विकास पर ऐसे उपकरणों के प्रभाव के बारे में सवाल उठाता है, खासकर उन बच्चों के लिए जो ऐसे माहौल में बड़े हो रहे हैं जहां डिजिटल इंटरैक्शन होती है.
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