लोगों के लिए हीरो से कम नहीं था ये बहादुर चूहा, हजारों लोगों की जान बचाकर बटोरी थी सुर्खियां

एक चूहा इतना दिलेर था कि उसकी हिम्मत का लोहा पूरी दुनिया मानती थी. यकीनन ये बात सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी. लेकिन सच में एक चूहे ने ऐसे कारनामे किए थे, जिसके लिए उसे बकायदा सम्मानित भी किया गया.

लोगों के लिए हीरो से कम नहीं था ये बहादुर चूहा, हजारों लोगों की जान बचाकर बटोरी थी सुर्खियां

बेल्जियम की गैर लाभकारी संस्था एपीओपीओ ने मगावा को ट्रेनिंग दी थी.

नई दिल्ली:

अक्सर  हम लोगों की बहादुरी के किस्से सुनते ही रहते हैं. लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि एक चूहा इतना दिलेर था कि उसकी हिम्मत का लोहा पूरी दुनिया मानती थी. यकीनन ये बात सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी. लेकिन सच में एक चूहे ने ऐसे कारनामे किए थे, जिसके लिए उसे बकायदा सम्मानित भी किया गया. आठ साल के बहादुर चूहे मागवा (Magawa) का निधन हो गया है. मागवा अफ्रीकी नस्ल का चूहा है, जिसे दुनियाभर में एक 'हीरो' के रूप में पहचाना जाता है.

एक जानकारी के मुताबिक मागवा (Magawa) ने अपने 5 साल के बम स्निफिंग करियर में हजारों लोगों की जान बचाई थी. मागवा ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश कम्बोडिया में बारूदी सुरंगों का पता लगाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई. मागवा को इस तरह से ट्रेनिंग दी गई थी कि वह बारूद की पहचान कर अपने को खतरे के बारे में बता सके. उसने ड्यूटी के दौरान 71 लैंडमाइन्स और 38 जिंदा विस्फोटों का पता लगाकर हजारों लोगों की जिंदगी बचाई.

मागवा को उसके इस शानदार काम के लिए ‘ब्रिटिश चैरिटी' (British Cherity) द्वारा मेडल से सम्मानित किया गया था. यहां तक कि ‘ब्रिटिश चैरिटी' का जानवरों के लिए शीर्ष पुरस्कार, जो कि खासतौर पर कुत्तों को ही मिलता था, वह मागवा अपने नाम किया था. मागवा को साल 2016 में कम्बोडिया लाया गया था तो वह सिर्फ 2 साल का था. बेल्जियम की गैर लाभकारी संस्था एपीओपीओ ने मगावा को ट्रेनिंग दी थी.

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एक रिपोर्ट के मुताबिक मागवा ने 1.4 लाख स्क्वायर मीटर से अधिक की जमीन की पड़ताल की थी, जो कि करीब 20 फुटबॉल (Football) मैदानों के बराबर है. जाहिर सी बात है कि जिस चूहे की उपलब्धि इतनी बड़ी हो उसकी तारीफ तो बनती है. इसलिए मागवा (Magawa) की मौत पर कई लोग काफी निराश है. मागवा को पूरी दुनिया उसके बहादुरी के लिए याद कर रही है.