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This Article is From Dec 18, 2019

आधा किलो प्लास्टिक के बदले मुफ्त में खाना दे रहा है यह कैफे

बीएमसी आयुक्त प्रेम चंद्र चौधरी ने कहा, ''यह एक प्लास्टिक संग्रह अभियान है जो लोगों को खाद्य सुरक्षा देता है. बहुत सारे लोग हैं जो प्लास्टिक इकट्ठा करते हैं और बहुत से लोग इसे फेंकते हैं, जिससे समस्या उत्पन्न होती है''.

आधा किलो प्लास्टिक के बदले मुफ्त में खाना दे रहा है यह कैफे
ओडिशा का एक कैफे आधा किलो प्लास्टिक के बदले लोगों को मुफ्त में खाना दे रहा है.

प्लास्टिक (Plastic) से होने वाला प्रदूषण आज के वक्त में दुनिया भर में गंभीर चिंता का विषय है. पहाड़ों से लेकर महासागरों तक प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण (Pollution) तबाही मचा रहा है. केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि जानवर भी प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के कारण बहुत सी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इस वजह से अब लोग प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर जागरुक होने लगे हैं और इसके प्रयोग को कम करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. 

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इसी कड़ी में अब बहुत से ढाबें, कैफे आदि शामिल हो गए हैं, जो प्लास्टिक के बदले मुफ्त खाना देने की मुहीम शुरू कर रहे हैं. यू-ट्यूब चैनल, कनक न्यूज के मुताबिक ओडिशा में एक कैफे ने भी इस तरह की एक पहल शुरू की है. इसके तहत ओडिशा का यह कैफे आधा किलो प्लास्टिक के बदले मुफ्त में खाना खाने का ऑफर दे रहा है. कैफे ने संयुक्त राज्य विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के साथ मिलकर राज्य सरकार की आहार योजना के तहत प्लास्टिक के बदले खाने की योजना शुरू की है. इसके तहत भुवनेश्वर में राज्य द्वारा संचालित सभी आहार केंद्रों पर इस योजना को शुरू किया जाएगा. 

बीएमसी आयुक्त प्रेम चंद्र चौधरी ने कहा, ''यह एक प्लास्टिक संग्रह अभियान है जो लोगों को खाद्य सुरक्षा देता है. बहुत सारे लोग हैं जो प्लास्टिक इकट्ठा करते हैं और बहुत से लोग इसे फेंकते हैं, जिससे समस्या उत्पन्न होती है. इसलिए हमने सोचा कि इस प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने के लिए कुछ किया जाना चाहिए, जहां दोनों उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके''.

उन्होंने आगे कहा, ''इसलिए अब कोई भी आधा किलो प्लास्टिक लेकर भुवनेश्वर के 11 आहार केंद्रों में से किसी पर भी जाकर इसे दे सकता है और बदले में खाना खा सकता है''. यूएनडीपी के प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के प्रोजेक्ट हेड तराना शयाद ने एएनआई को बताया, ''यह प्रोजेक्ट पर्यावरण की सुरक्षा और प्लास्टिक कचरे को लेकर लोगों की बीच जागरुकता पैदा करने कि दिशा में एक छोटा कदम है. हम आहार केंद्रों से सभी प्लास्टिक एकत्र करेंगे और इसे उचित तरीके से रिसायकल करेंगे.''

तराना शयाद ने आगे कहा, ''बीएमएसी इस तरह से लोगों को बताना चाहता है कि प्लास्टिक इकट्ठा करने से आप खाना खा सकते हैं, इसलिए इसे सड़कों पर न फेंके और इसे इकट्ठा कर बदले में खाना खाएं''. प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में शुरू की गई यह पहल वाकई सराहनीय है. 

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