प्रतीकात्मक तस्वीर
राजकोट:
दिमागी रूप से मृत घोषित किए गए मुंबई निवासी 22 वर्षीय एक युवक ने पांच लोगों को नई जिन्दगी दी है, क्योंकि उसकी दो आंखें, दो गुर्दे और यकृत (लिवर) इन लोगों को दान में मिले हैं।
इस युवक को शहर के एनएम विरानी वाकहार्ट अस्पताल में दिमागी रूप से मृत घोषित किया गया था।
अस्पताल के प्रबंधक मनहर मजीठिया ने कहा कि पांच लोगों को नई जिन्दगी मिली है, क्योंकि मुंबई निवासी लोमेश पटेल के दो गुर्दे, दो आंखें (कॉर्निया) और लिवर उन पांच लोगों को दान किए गए हैं।
मुंबई का पोवई निवासी लोमेश पटेल 19 अप्रैल को कच्छ जिले के गांधीधाम नगर में एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने गया था, जहां वह दुर्घटना का शिकार हो गया था।
मजीठिया ने कहा, 'लोमेश के मस्तिष्क में गंभीर चोट आई और उसे गांधीधाम अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद हमारे अस्पताल में लाया गया।' उन्होंने कहा, 'राजकोट अस्पताल में तीन दिन के इलाज के बाद लोमेश को 28 अप्रैल को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया।'
लोमेश के पिता करमनाभाई पटेल मुंबई से राजकोट पहुंचे और वह अपने बेटे के अंगों को दान करने पर सहमत हो गए। मजीठिया ने बताया कि बाद में उसके अंग पांच जरूरतमंद लोगों को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिए गए।
इस युवक को शहर के एनएम विरानी वाकहार्ट अस्पताल में दिमागी रूप से मृत घोषित किया गया था।
अस्पताल के प्रबंधक मनहर मजीठिया ने कहा कि पांच लोगों को नई जिन्दगी मिली है, क्योंकि मुंबई निवासी लोमेश पटेल के दो गुर्दे, दो आंखें (कॉर्निया) और लिवर उन पांच लोगों को दान किए गए हैं।
मुंबई का पोवई निवासी लोमेश पटेल 19 अप्रैल को कच्छ जिले के गांधीधाम नगर में एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने गया था, जहां वह दुर्घटना का शिकार हो गया था।
मजीठिया ने कहा, 'लोमेश के मस्तिष्क में गंभीर चोट आई और उसे गांधीधाम अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद हमारे अस्पताल में लाया गया।' उन्होंने कहा, 'राजकोट अस्पताल में तीन दिन के इलाज के बाद लोमेश को 28 अप्रैल को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया।'
लोमेश के पिता करमनाभाई पटेल मुंबई से राजकोट पहुंचे और वह अपने बेटे के अंगों को दान करने पर सहमत हो गए। मजीठिया ने बताया कि बाद में उसके अंग पांच जरूरतमंद लोगों को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिए गए।
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