
'ब्लू व्हेल' के चलते रूस में अब तक 130 बच्चे जान खुदकुशी कर चुके हैं. तस्वीर: प्रतीकात्मक
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रूस में सुसाइड गेम साबित हो रहा 'ब्लू व्हेल'
इस गेम को जीतने के फेर में 130 लोग गंवा चुके हैं जान
इंग्लैंड में इस गेम को लांच करने की चल रही तैयारी
अगर आप इस गेम को खेलना शुरू करेंगे तो आपको एक 'मास्टर' मिलता है. यही मास्टर अगले 50 दिनों तक आपको यानी यूजर को कंट्रोल करता रहेगा. हर रोज वह आपको एक टास्क देता है. इनमें से ज्यादातर टास्क ऐसे होते हैं, जिनमें खुद को नुकसान पहुंचाना होता है. उदाहरण के तौर पर खुद के खून से ब्लू व्हेल बनाना, दिन-दिन हॉरर फिल्में देखना और देर रात को जागना. इन्हीं टास्क को पूरा करने के दौरान बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. इस गेम में 50वें दिन खेलने वाले को जान देकर विजेता बनने की बात कही जाती है.
'पोकेमॉन गो' भी था 'हत्यारा' गेम
अमेरिका में एक महिला पोकेमॉन खेलते-खेलते पेड़ में अटक गई, बाद में रैसक्यू टीम ने महिला को पेड़ से नीचे उतारा. अपने स्मार्टफोन पर एक महिला 'पोकेमॉन' गेम खेलते हुए पेड़ में चढ़ गई. जब गेम खत्म हुआ तो महिला ने खुद को पेड़ पर पाया. इसकी सूचना महिला ने खुद आपातकालीन सेवा 911 में फोन करके दी. रेस्क्यू टीम के वरिष्ठ अधिकारी रॉब गोल्ड ने हालाकि रैस्क्यू विभाग ने महिला का नाम गुप्त रखा लेकिन उन्होने कहा कि इस घटना के बाद महिला शंर्मिंदा नजर आई.
मालूम हो कि 'पोकेमॉन' शब्द दरअसल पॉकेट मॉन्स्टर (Pocket Monster) की शॉर्ट फॉर्म है, और इस मोबाइल फोन गेम में लोग वर्चुअल दुनिया के ट्रेनर बनकर अलग-अलग शक्लों में मौजूद छोटे-छोटे शैतानों को पकड़ते हैं, और फिर उन्हें एक-दूसरे से लड़ाते हैं. इसी आधार पर गेम में उनके ग्रेड और अंक बढ़ते हैं.
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