फोटो - संदीप मावा के फेसबुक पन्ने से साभार
श्रीनगर:
देश में असहिष्णुता पर बढ़ती बहस के बीच शहर के बीचोंबीच एक कश्मीरी पंडित ने आंखों पर पट्टी बांधकर लोगों को उसे गले लगाने के लिए आमंत्रित किया, ताकि घाटी में विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारा बहाल हो सके।
मुस्लिम और सिख भी खड़े थे साथ
पेरिस में आंखों पर पट्टी बांधकर लोगों को गले लगाने के लिए कहने वाले एक मुस्लिम से प्रेरित होकर पेशे से डॉक्टर संदीप मावा ने यहां प्रेस कॉलोनी में खड़े होकर लोगों को उन्हें गले लगाने के लिए आमंत्रित किया। उनके साथ सिख और मुस्लिम समुदाय के सदस्य भी थे, जिन्होंने सभी धर्मों के लोगों को गले लगाकर सहनशीलता का संदेश दिया।
असहनशीलता के खिलाफ संदेश दाना मकसद
जम्मू कश्मीर रिकंसिलियेशन फ्रंट के अध्यक्ष मावा ने कहा, 'हम सभी इंसान एक जैसे हैं। जब भगवान ने हममें अंतर नहीं किया तो कोई विभाजन क्यों हो? किसी तरह की असहनशीलता नहीं होनी चाहिए। यही संदेश हम भेजना चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते कि नेता और एजेंसी धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करें। हम किसी को कश्मीरियत को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे। हम नफरत भरे अभियानों का विरोध करते हैं। धर्म की राजनीति सही नहीं है।'
लोगों को बांटना नहीं चाहिए
मावा ने कहा कि नेताओं को कश्मीर की जनता को अकेले छोड़ देना चाहिए और लोगों को विभाजित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर वे अपने तरीके नहीं सुधारते तो कश्मीर में असैन्य क्रांति होगी।' उन्होंने केंद्र सरकार से कश्मीर मुद्दे पर ध्यान देने के लिए पाकिस्तान से बात करने को कहा और पड़ोसी देश को विवाद का एक पक्ष बताया।
मुस्लिम और सिख भी खड़े थे साथ
पेरिस में आंखों पर पट्टी बांधकर लोगों को गले लगाने के लिए कहने वाले एक मुस्लिम से प्रेरित होकर पेशे से डॉक्टर संदीप मावा ने यहां प्रेस कॉलोनी में खड़े होकर लोगों को उन्हें गले लगाने के लिए आमंत्रित किया। उनके साथ सिख और मुस्लिम समुदाय के सदस्य भी थे, जिन्होंने सभी धर्मों के लोगों को गले लगाकर सहनशीलता का संदेश दिया।
असहनशीलता के खिलाफ संदेश दाना मकसद
जम्मू कश्मीर रिकंसिलियेशन फ्रंट के अध्यक्ष मावा ने कहा, 'हम सभी इंसान एक जैसे हैं। जब भगवान ने हममें अंतर नहीं किया तो कोई विभाजन क्यों हो? किसी तरह की असहनशीलता नहीं होनी चाहिए। यही संदेश हम भेजना चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते कि नेता और एजेंसी धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करें। हम किसी को कश्मीरियत को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे। हम नफरत भरे अभियानों का विरोध करते हैं। धर्म की राजनीति सही नहीं है।'
लोगों को बांटना नहीं चाहिए
मावा ने कहा कि नेताओं को कश्मीर की जनता को अकेले छोड़ देना चाहिए और लोगों को विभाजित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर वे अपने तरीके नहीं सुधारते तो कश्मीर में असैन्य क्रांति होगी।' उन्होंने केंद्र सरकार से कश्मीर मुद्दे पर ध्यान देने के लिए पाकिस्तान से बात करने को कहा और पड़ोसी देश को विवाद का एक पक्ष बताया।
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