भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने बृहस्पतिवार को सनसनीखेज दावा किया कि उनके घर के निर्माण कार्य में संदिग्ध बांग्लादेशी (Bangladesh) नागरिक मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. विजयवर्गीय ने यहां एक सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की जमकर पैरवी करते हुए यह दावा किया. उन्होंने कहा कि उनके घर में नये कमरे के निर्माण कार्य के दौरान उन्हें छह-सात मजदूरों के खान-पान का तरीका थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि वे भोजन में केवल पोहा (नाश्ते के रूप में खाया जाने वाला स्थानीय व्यंजन) खा रहे थे. विजयवर्गीय ने कहा कि इन मजदूरों और भवन निर्माण ठेकेदार के सुपरवाइजर से बातचीत के बाद उन्हें संदेह हुआ कि ये श्रमिक बांग्लादेश के रहने वाले हैं.
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उनके इस बयान के बाद ट्विटर पर पोहा टॉप ट्रेंड करने लगा. ट्विटर पर ज्यादातर लोगों ने बताया कि इंदौर में पोहा बहुत ही लोकप्रिय नाश्ता है और ये महाराष्ट्र की डिश है. सस्ता होने के साथ-साथ उससे पेट भी भरा जा सकता है. ट्विटर पर लोगों ने ऐसे रिएक्शन्स दिए है...
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I wonder whether this man has heard of Krishna and Sudama .... and the story of the gift of poha. https://t.co/ZXV74PbayQ
— Harini Calamur (@Calamur@mastodon.social) (@calamur) January 24, 2020
Is Poha not indian ? https://t.co/7LTFH7aMor
— Devdutt Pattanaik (@devduttmyth) January 24, 2020
I literally eat only poha for breakfast. Guess I'm Bangladeshi too. https://t.co/Qjr4mwmW0Q
— अंशुल (@Ghair_Kanooni) January 24, 2020
I am Punjabi and I am eating poha right now. Poha has nothing to do with Bangladesh pic.twitter.com/eL6KgpQk36
— Sapna Madan Care4Animals (@sapnamadan) January 24, 2020
संवाददाताओं ने जब भाजपा महासचिव से इन संदिग्ध लोगों के बारे में सवाल किये, तो उन्होंने कहा, "मुझे शंका थी कि ये मजदूर बांग्लादेश के रहने वाले हैं. मुझे संदेह होने के दूसरे ही दिन उन्होंने मेरे घर काम करना बंद कर दिया था." उन्होंने कहा, "मैंने पुलिस के सामने इस मामले में फिलहाल शिकायत दर्ज नहीं करायी है. मैंने तो केवल लोगों को सचेत करने के लिये उन मजदूरों का जिक्र किया था."
विजयवर्गीय ने कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में यह दावा भी किया कि बांग्लादेश का एक आतंकवादी पिछले डेढ़ साल से उनकी "रेकी" (नजर रखना) कर रहा था. उन्होंने कहा, "मैं जब भी बाहर निकलता हूं, तो छह-छह बंदूकधारी सुरक्षा कर्मी मेरे आगे-पीछे चलते हैं. यह देश में आखिर क्या हो रहा है? क्या बाहर के लोग देश में घुसकर इतना आतंक फैला देंगे?"
विजयवर्गीय ने सीएए की वकालत करते हुए कहा, "भ्रम और अफवाहों के चक्कर में मत आइये. सीएए देश के हित में है. यह कानून भारत में वास्तविक शरणार्थियों को शरण देगा और उन घुसपैठियों की पहचान करेगा जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये खतरा है."
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