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बीकानेर में जिस पांच महीने की बेबी के हैवान पिता ने उससे होंठ और नाक चबा डाले थे उस बच्ची का इलाज अब जयपुर के एसएमएस अस्पताल में होगा, जहां डॉक्टर प्लास्टिक सर्जरी द्वारा बच्चे का बिगड़ा हुआ चेहरा ठीक करने की कोशिश करेंगे।
लेकिन, इस बच्ची की दर्द भरी कहानी के पीछे भी पुरुष प्रधान समाज है। बच्चे की मदद के लिए बच्चे के पिता के घरवालों की ओर से कोई भी सामने नहीं आया है। ये लोग बेचारी मां को ही दोषी बता रहे हैं क्योंकि मां ने हैवान पिता को पुलिस के हत्थे चढ़ा दिया।
अब मां अकेले और बेबस है। जयपुर में दो बेटियों को अपने पास समेटे मां का संघर्ष अभी जारी है।
बच्ची की मां का नाम संतोष कंवर बताया जा रहा है। वह 14 साल की थी जब उसकी शादी हुई थी। कहा जा रहा है कि आरंभ से ही उसका पति उसे मारता-पीटता था। संतोष ने दो बच्चे होने के बाद उनके अच्छे भविष्य के लिए उन्हें अपने पिता के घर भेज दिया। दो छोटी बेटियों के अपने पास ही रख लिया।
ससुराल के इतने सहयोग से भी संतोष के पति का मन नहीं भरा और उसने 26 जनवरी की रात नशे की हालत में अपनी दोनों बेटियों पर हमला कर दिया। हमले में हैवान पिता ने तीन साल की बेटी के पीठ में दांत काटा और पांच साल की बेटी के नाक और होंठ को चबा डाला।
पति की इस हरकत के खिलाफ संतोष ने हिम्मत दिखाई और पुलिस में पति के खिलाफ रपट लिखवा दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पति को गिरफ्तार भी कर लिया। इससे नाराज ससुराल वालों ने संतोष को घर से निकाल दिया। ससुराल वालों की बेरुखी के बावजूद संतोष अब सरकार की मदद से बच्चे का इलाज करा रही है। इस पूरी जद्दोजहद में संतोष के पिता अभी भी उसका साथ दे रहे हैं।
उसके पिता हनुमान सिंह का कहना है कि अब बेटी के ससुराल वालों का कहना है कि पहले बेटे को पुलिस से मुक्त कराओ तब वह कोई समझौता करेंगे। इलाज के लिए पैसे नहीं है, लेकिन सरकार से कुछ मदद काम आ रही है।
इस मामले में बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष दीपक कालरा का कहना है कि एक तो तुरंत राहत दी जा रही है। बच्ची की सर्जरी करवाई जाएगी और बाद में पूरे परिवार का ध्यान भी रखा जाएगा।
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