प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने बेबी मोशे इजरायल से भारत आया है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने बेबी मोशे इजरायल से भारत आया है. उनका शानदार तरीके से स्वागत किया गया. वो मुंबई के नरीम हाउस के साथ-साथ गेटवे ऑफ इंडिया और होटल ताज घूमने जाएंगे. मुंबई में हुए आतंकवादी हमले 26/11 में बेबी मोशे ने अपने माता-पिता को खो दिया था. उस समय वो सिर्फ़ 2 साल का था. बेबी मोशे अपने माता-पिता के साथ नरीमन हाउस में रूका था. उस हादसे के बाद ये पहली बार है जब बेबी मोशे भारत आ चुका है. अपने पिछले इज़रायली दौरे के दौरान पीएम मोदी बेबी मोशे से मिले थे. 2008 में हुए इस हमले में उसकी मां और पिता समेत छह अन्य इस्राइली नागरिकों की मौत हो गई थी.
पढ़ें- 26/11 हमले में माता-पिता को खोने वाला मोशे भारत पहुंचा, दादा ने कहा-मुंबई पहले से ज्यादा सेफ
क्या हुआ था उस रात
बेबी मोशे और उसके इस्राइली माता-पिता मुंबई के नरीमन हाउस (अब चबाड हाउस) में रहते थे. सैंड्रा सैमुअल मोशे की आया के तौर पर काम करती थीं. 2008 में 26 नवंबर को मुंबई पर लश्कर तैयबा के हमले में नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया गया. सैंड्रा सैमुअल ने उस रात की सारी घटना एक इंटरव्यू में बताई थी. उन्होंने कहा कि उनके अपने दो बेटों से मिलने वह हर बुधवार को जाती थीं लेकिन उस रात वह नहीं गई थीं.
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सैंड्रा सैमुअल ने बचाई मोशे की जान
उनका कहना था कि भगवान ने उन्हें उस रात वहां ठहरने को मजबूर किया क्योंकि उसे पता था कि क्या होने वाला है. सैंड्रा ने बताया कि जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी तो, उन्होंने नीचे का फोन उठाया, ऊपर से ढेर सारी आवाजें आ रही थीं. उन्होंने फोन का तार निकाल दिया और लॉन्ड्री रूम में जाकर छिप गईं.
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वह कहती हैं मुझे कुछ समझ नहीं आया. मैं तब निकली जब अगली सुबह बेबी मोशे की आवाज आई. मैं ऊपर कमरे में गई. मैंने देखा मोशे के माता-पिता खून में लथपथ थे. उनकी मौत हो चुकी थी. बेबी मोशे उनके पास बैठा हुआ था. मैंने चुपचाप उसे उठाया और बिल्डिंग से बाहर भागकर अपनी और उसकी जान बचाई.
देखें वीडियो : इजरायल में बेबी मोशे से मिले पीएम मोदी
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बेबी मोशे और उसके इस्राइली माता-पिता मुंबई के नरीमन हाउस (अब चबाड हाउस) में रहते थे. सैंड्रा सैमुअल मोशे की आया के तौर पर काम करती थीं. 2008 में 26 नवंबर को मुंबई पर लश्कर तैयबा के हमले में नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया गया. सैंड्रा सैमुअल ने उस रात की सारी घटना एक इंटरव्यू में बताई थी. उन्होंने कहा कि उनके अपने दो बेटों से मिलने वह हर बुधवार को जाती थीं लेकिन उस रात वह नहीं गई थीं.
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उनका कहना था कि भगवान ने उन्हें उस रात वहां ठहरने को मजबूर किया क्योंकि उसे पता था कि क्या होने वाला है. सैंड्रा ने बताया कि जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी तो, उन्होंने नीचे का फोन उठाया, ऊपर से ढेर सारी आवाजें आ रही थीं. उन्होंने फोन का तार निकाल दिया और लॉन्ड्री रूम में जाकर छिप गईं.
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वह कहती हैं मुझे कुछ समझ नहीं आया. मैं तब निकली जब अगली सुबह बेबी मोशे की आवाज आई. मैं ऊपर कमरे में गई. मैंने देखा मोशे के माता-पिता खून में लथपथ थे. उनकी मौत हो चुकी थी. बेबी मोशे उनके पास बैठा हुआ था. मैंने चुपचाप उसे उठाया और बिल्डिंग से बाहर भागकर अपनी और उसकी जान बचाई.
देखें वीडियो : इजरायल में बेबी मोशे से मिले पीएम मोदी
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