
ऑटो ड्राइवर की बेटी ने दिलाया भारत को सम्मान.
Chandigarh: भारतीय बॉक्सर संदीप कौर (Sandeep Kaur) ने पोलैंड में तिरंग लहराया. 52 किलो वर्ग में उन्होंने गोल्ड जीता. 13वें इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैम्पियनशिप (13th International Silesian Boxing Championships) में उन्होंने पोलैंड की कैरोलीना एमपुस्का (Karolina Ampuska) को 5-0 से हराया. 16 वर्षीय संदीप कौर को यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. गांव से निकलकर उन्होंने ये कामयाबी हासिल की. सक्सेस स्टोरी सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. कैसे ऑटो ड्राइवर की बेटी ने भारत को ये सम्मान दिलाया.
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संदीप के चाचा सिमरनजीत सिंह ने उनको बॉक्सिंग करने को कहा. संदीप ने Times Of India से बात करते हुए कहा- ''मैं गांव के पास बॉक्सिंग अकादमी में अपने चाचा के साथ जाया करती थी. वहां लोगों को बॉक्सिंग करता देख, मेरा मन किया कि मैं भी बॉक्सर बनूं. जब मैं 8 साल की थी तो मैंने बॉक्सिंग ग्ल्व्स उठा लिए थे और ट्रेनिंग शुरू कर दी थी.'' सुनील कुमार की कोचिंग में उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की. संदीप के परिवार को गांव वालों के काफी ताने सुनने पड़े. लेकिन उन्होंने संदीप को बॉक्सिंग कराई. आज संदीप कुमार ने भारत का नाम रोशन कर दिया है.
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संदीप कौर पटियाला के हसनपुर गांव मं रहती हैं. उनके घर में पैसों की काफी किल्लत है. ऐसे में गांव के लोगों ने उनके घरवालों को संदीप के खेलने से काफी रोकने की कोशिश की. लेकिन, उन्होंने और उनके घरवालों ने हार नहीं मानी और संघर्ष करते गए. संदीप के पिता सरदार जसवीर सिंह पटियाला में ऑटो चलाते हैं. जब उनको पता चला कि संदीप बॉक्सर बनना चाहती हैं तो उन्होंने संदीप को प्रोत्साहन दिया और खेल जारी रखने को कहा. उस वक्त पिता ने कहा- 'मैं इतना कमाता हूं कि कोई भूखा नहीं सोएगा.'
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