खास बातें
- क्रिस्टीना और उनका बेटा हैन्नॉक घूमते हुए सेंट पीटर्स स्क्वैयर पहुंचे थे
- यहां मदर टेरेसा को संत घोषित किए जाने का कार्यक्रम चल रहा था
- क्रिस्टीना ने इथियोपिया स्थित मदर टेरेसा की संस्था से बेटे को गोद लिया था
वैटिकन सिटी: सेंट पीटर्स स्क्वैयर में पोप फ्रांसिस ने जब मदर टेरेसा को कलकत्ता की संत टेरेसा घोषित किया, तभी वहां हुए एक चमत्कार ने सभी का ध्यान खींचा.
इस समारोह में शामिल 50 वर्षीय क्रिस्टीना अपने बेटे को थामे रोये जा रही थीं. बार्सिलोना की रहने वाली इस स्पैनिश महिला ने 18 साल पहले इथियोपिया स्थित मदर टेरेसा की संस्था से बेटे हैन्नॉक को गोद लिया था.
क्रिस्टीन कहती हैं, 'मुझे यह पता नहीं था कि मदर टेरेसा को आज संत घोषित किया जाएगा.' वह बताती है, 'मेरे 50वें जन्मदिन पर मेरे परिवार ने मुझे रोम यात्रा का तोहफा दिया था. मैं पिछले कुछ दिनों से यहां हूं और आज सेंट पीटर्स स्क्वैयर में घूमते हुए मैंने मदर टेरेसा की एक तस्वीर वेटिकन पर लटकी देखी. यह एक चमत्कार है. मदर ने ही आज मुझे यहां बुलाया.'
वहीं पास खड़ा हैन्नॉक अब 18 साल का हो चुका है और अपनी मां द्वारा भावनाओं के इस प्रदर्शन थोड़ा शर्मिंदगी महसूस कर रहा है. वह मुस्कुराता हुए कहता है, 'मैं अपनी मां से प्यार करता हूं और हम साथ लाने के लिए मदर टेरेसा का धन्यवाद करता हूं.'
क्रिस्टीना कैथलिक हैं, लेकिन सेंट पीटर्स स्क्वैयर में मौजूद सभी धर्मों के लोग उसकी कहानी सुनने को रुक गए. मदर टेरेसा को संत घोषित किए जाने में दो चमत्कारों का खास योगदान माना जाता है, वहीं क्रिस्टीना और हैन्नॉक की कहानी उनका तीसरा चमत्कार हो सकता है.