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उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘व्यक्तिगत समस्याएं अब भी बनी हुई हैं लेकिन मैं खुद पर ध्यान दे सकता हूं, अपना पूरा ध्यान निशानेबाजी पर लगा सकता हूं. मैं पहले ऐसा नहीं कर पा रहा था लेकिन अब निशानेबाजी करते समय मैं खुद को तमाम चीजों से अलग कर लेता हूं. मेरा मानना है कि अगर आप सच्चे हैं तो आप आगे बढ़ते रहेंगे.’और 37 साल की उम्र में भी वह आगे बढ़ते जा रहे हैं. पूर्व नौसेना कर्मी ने अप्रैल में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और आज 50 मीटर रायफल थ्री पोजिशन में एशियाई खेलों का रजत जीता.
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वह पिछले 12 महीने से ज्यादा समय से बेरोजगार हैं और इसके बावजूद वह पदक जीतने में सफल रहे. 19 साल नौसेना में सेवा देने के बाद राजपूत भारतीय खेल प्राधिकरण में सहायक कोच के पद पर काम कर रहे थे जब पिछले साल उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. तब से उनकी एकमात्र आय नौसेना से मिलने वाली मासिक पेंशन है. अब इस प्रदर्शन के बाद राजपूत में फिर से नौकरी की आस जगी है. राजपूत ने कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि अब मुझे कोई पेशकश की जाएगी. देखते हैं क्या होता है.’
                                                                        
                                    
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उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘व्यक्तिगत समस्याएं अब भी बनी हुई हैं लेकिन मैं खुद पर ध्यान दे सकता हूं, अपना पूरा ध्यान निशानेबाजी पर लगा सकता हूं. मैं पहले ऐसा नहीं कर पा रहा था लेकिन अब निशानेबाजी करते समय मैं खुद को तमाम चीजों से अलग कर लेता हूं. मेरा मानना है कि अगर आप सच्चे हैं तो आप आगे बढ़ते रहेंगे.’और 37 साल की उम्र में भी वह आगे बढ़ते जा रहे हैं. पूर्व नौसेना कर्मी ने अप्रैल में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और आज 50 मीटर रायफल थ्री पोजिशन में एशियाई खेलों का रजत जीता.
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वह पिछले 12 महीने से ज्यादा समय से बेरोजगार हैं और इसके बावजूद वह पदक जीतने में सफल रहे. 19 साल नौसेना में सेवा देने के बाद राजपूत भारतीय खेल प्राधिकरण में सहायक कोच के पद पर काम कर रहे थे जब पिछले साल उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. तब से उनकी एकमात्र आय नौसेना से मिलने वाली मासिक पेंशन है. अब इस प्रदर्शन के बाद राजपूत में फिर से नौकरी की आस जगी है. राजपूत ने कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि अब मुझे कोई पेशकश की जाएगी. देखते हैं क्या होता है.’
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