रिलायंस एडीएजी समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने मुंबई के केसी कॉलेज के हीरक जयंती के समारोह में शनिवार को कहा कि उनके कुल नाम के अंत में 'नी' होने के कारण इसी कॉलेज में पढाई के दौरान उन्हें गलती से सिंधी समझ लिया गया था। उनकी इस बात पर समारोह में उपस्थित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और अन्य हंस पड़े।
अंबानी ने कहा, मैंने केसी कॉलेज में 1975 में प्रवेश लिया। जब मैं यहां प्रवेश संबंधी साक्षात्कार के लिए आया, तो जिस भी आदमी से मैंने बात की, वह मुझसे सिंधी में बोल रहा था।
उन्होंने कहा, कुंदनानी, भंबानी, निचानी, केवलरमानी की तरह...उनका सोचना था कि अंबानी भी वही हैं। क्षण भर को मुझे लगा कि मुझे केसी कॉलेज में इसलिए प्रवेश मिला कि मेरे कुलनाम के अंत में 'नी' लगा था। उन्होंने कहा, जो भी हो मुझे अपने कुल नाम अंबानी पर फख्र है। मुझे गर्व है कि मैं गुजराती हूं और इन सबसे से ऊपर भारतीय होने का बहुत फख्र है।
राष्ट्रपति ने इस कॉलेज के पूर्वछात्रों को सम्मानित किया। इस मौके पर अंबानी की मां कोकिलाबेन और पत्नी टीना अंबानी भी मौजूद थीं। इस बीच यहां मौजूदा अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपने भाषण में साक्षरता के महत्व पर जोर दिया। बच्चन ने कहा साक्षरता - यानी लिखने और पढ़ने की क्षमता - यह इन दोनों के योग से कहीं बढ़कर है, क्योंकि यह लोगों के लिए विशाल अवसर खोलते हैं।
उन्होंने कहा, साक्षरता एक तरह का रूपक है। जैसे ही कोई पढ़ना-लिखना सीखता है, वह अपेक्षाकृत बड़े समुदाय का हिस्सा बन जाता है, जो वैसे संभव नहीं होता। बच्चन ने कहा, साक्षरता मानव विकास में योगदान और गरीबी कम करने के लिए सामाजिक एवं आर्थिक भागीदारी का प्रभावी माध्यम है।
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