उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने आज बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर एक बेहद खास तस्वीर शेयर की है. फोटो में एक बाघ को भगवान बुद्ध की मूर्ति पर आराम करते हुए दिखाया गया है. बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वैशाख या बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो दुनिया भर में मनाया जाता है. हिंदू माह वैशाख (आमतौर पर अप्रैल या मई) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह शुभ अवसर राजकुमार सिद्धार्थ के जन्म की याद दिलाता है, जो गौतम बुद्ध बने और बौद्ध धर्म की स्थापना की.
आनंद महिंद्रा ने लिखा ये मैसेज
आनंद महिंद्रा ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा "जब आप एक ही समय में अपने भीतर के बाघ को वश में करते हैं और उसे मुक्त करते हैं." तस्वीर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के ऊपर एक बाघ बैठा हुआ दिख रहा है. पोस्ट शेयर करते ही वायरल होने लगा और ढेरों लोगों ने इस पर कमेंट भी किया.
यहां देखें पोस्ट
When you tame & unleash the tiger within you at the same time….#BuddhaPurnima pic.twitter.com/h8fOzvQDfE
— anand mahindra (@anandmahindra) May 23, 2024
लोग ने बताया जीवन की सीख
एक यूजर ने कमेंट किया, "जीवन की चुनौतियों को अनुग्रह और शक्ति के साथ पार करने के लिए बाघ की क्रूरता को बुद्ध की शांति के साथ मिलाएं." दूसरे ने कहा, "मैंने बुद्ध की सबसे खूबसूरत तस्वीर देखी." तीसरे ने लिखा, "अंदर के द्वंद को गले लगाओ. उग्र फिर भी सौम्य, जंगली फिर भी अनुशासित. विरोधी ऊर्जाओं को सामंजस्यपूर्ण रूप से संतुलित करें. आंतरिक शांति पैदा होती है."
बौद्ध परंपराओं के अनुसार, गौतम बुद्ध का जन्म 623 ईसा पूर्व में नेपाल के तराई क्षेत्र लुंबिनी में हुआ था. उनका जीवन एक आश्रय प्राप्त राजकुमार से एक प्रबुद्ध शिक्षक तक की यात्रा तक की कहानी है.
सत्य की खोज में अपने शाही जीवन को त्यागकर, वर्षों के ध्यान के बाद, सिद्धार्थ को भारत के बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ, फिर उन्होंने अपना बाकी का जीवन करुणा, अहिंसा और पीड़ा से मुक्ति के मार्ग के सिद्धांतों का प्रचार करते हुए बिताया.
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