अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) का कब्ज़ा हो चुका है, जिसके कारण वहां की जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहां की जनता किसी तरह से बाहर निकल कर अपनी ज़िदगी बचा रही हैं. कई प्रोग्रेसिव सोच (Progressive Thinking) वाले लोग सोशल मीडिया (Social Media Viral Post) के ज़रिए वहां की स्थिति के बारे में दुनिया को अवगत करा रहे हैं. अफगानिस्तान की फ़िल्ममेकर और फोटोग्राफर रोया हैदरी (Roya Heydari) का एक पोस्ट आप दिल छू लेगा. अफगानिस्तान छोड़ने का दर्द उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट (Roya Heydari Viral Post) पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि मैं अपनी ज़िंदगी छोड़ कर आ रही हूं. एक बार फिर मैं अपने वतन से भाग कर आई हूं. मैं फिर से ज़ीरो से शुरुआत करूंगी. मैं सिर्फ एक कैमरा और मरी आत्मा के साथ समुंद्र पार करके आई हूं. मैं बहुत ही भारी मन से अपने वतन को अलविदा कह रही हूं.
I left my whole life, my home in order to continue to have a voice. Once again,I am running from my motherland. Once again, I am going to start from zero.
— Roya Heydari (@heydari_roya) August 26, 2021
I took only my cameras and a dead soul with me across an ocean. With a heavy heart, goodbye motherland.
Until we meet again pic.twitter.com/MI3H8lQ5e4
उनका ये पोस्ट बहुत ही भावुक कर देने वाला है. इस पोस्ट के ज़रिए वो अपना दर्द दुनिया को बता रही हैं. पोस्ट के ज़रिए वो बता रही हैं कि वतन छोड़ना कितना मुश्किल है.
अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक हैजरी 5 दिन पहले ही काबुल छोड़कर फ्रांस आई हैं. तालिबान के शासन काल में महिलाओं को काम करने की इज़ाज़त नहीं है. वो कहती हैं कि मुझे कैद रहना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है. मैं वहां काम नहीं कर पाऊंगी.
उनके इस पोस्ट पर दुनिया भर के लोगों ने संवेदनाएं प्रकट की. कई लोगों ने उन्हें अपना समर्थन भी दिया है.
सलीम जावेद नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है- फोटोग्राफर और फिल्ममेकर रोया सिर्फ एक उदाहरण हैं. तालिबान ने महिलाओं को काम करने देने का वादा किया था, मगर ऐसा नहीं है.
Roya, filmmaker and photojournalist, is one example of the massive brain drain out of #Afghanistan. #KabulAiport terror attacks, despite Taliban's peace promise, are some of the reasons why Afghans are desperately trying to leave the country while leaving everything behind. https://t.co/3nOPsq8tXV
— Saleem Javed (@mSaleemJaved) August 26, 2021
@KirstenAlana नाम की ट्विटर यूज़र ने लिखा है- अगर आप सोचते हैं कि रोया हैदरी को इस वायल ट्वीट के ज़रिए जानते हैं तो आप ग़लत हैं. उनके द्वारा खींचे गए फोटो और वीडियो को देखिए. अफगानिस्तान की क्या हालत हो गई है.
If you found @heydari_roya because of her viral tweet, but haven't looked more at her photos & videos from #Afghanistan - please take the time to change that. They're a moving portrait of a country we probably only think we know. https://t.co/177tNMfNL0
— Kirsten p: kearstin (@KirstenAlana) August 26, 2021
हेनरी नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है- मैं आपकी सुरक्षा और बेहतरी के लिए प्रार्थाना करता हूं.
I wish you safety and a better life in your new place. My sympathies from Indonesia to all Afghans especially you. Good luck.
— Henry Subiakto (@henrysubiakto) August 26, 2021
तालिबान शरिया कानून की आड़ में महिलाओं को काम नहीं करने देता है. 1996 से लेकर 2001 तक के शासनकाल में ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला. 20 साल बाद भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है. इससे लगता है कि समय भले बदल गया है, मगर तालिबान की सोच नहीं बदली है.
रोया हैदरी की इस ट्वीट को 64 हजा़र लोगों ने लाइक किया है, वहीं 8 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने रिट्वीट किया है. ये ट्वीट दुनिया में तेज़ी से वायरल हो रहा है. सभी यूज़र्स की इच्छा है कि अफगानिस्तान में शांति बहाल हो.
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