नई दिल्ली:
वैश्विक ऑटोमोटिव कार्यक्रम 'टॉप गियर' ने अंबेस्डर कार को दुनिया की सबसे बढ़िया टैक्सी बताया है।
किसी समय अंबेस्डर कार की भारतीय कार बाजार में तूती बोलती थी हालांकि मारुति सुजूकी, हुंदै, टोयोटा तथा होंडा जैसी आधुनिक कंपनियों के आने के बाद उसकी चमक कुछ फीकी पड़ गई।
बीबीसी पर प्रसारित शो में टॉप गियर के कार्यकारी निदेशक रिचर्ड हेमंड ने दुनियाभर की टैक्सियों पर कार्य्रकम कराया जिसमें अंबेस्डर बाकी सभी को पछाड़ते हुए विजेता के रूप में उभरी।
ब्रिटेन स्थित मोटर संग्रहालय ब्यूलियू ने एक बयान में कहा गया है कि हिंदुस्तान अंबेस्डर ने ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको तथा रूस जैसे देशों की टैक्सियों को पछाड़ दिया।
हिंदुस्तान अंबेस्डर की शुरुआत ब्रिटेन में मोरिस ऑक्सफोर्ड के रूप में हुई थी लेकिन नाम में थोड़े बदलाव के साथ यह भारत का सबसे स्थायी वाहन बन गई। सीके बिड़ला ग्रुप की कंपनी हिंदुस्तान मोटर्स ने 1948 में अंबेस्डर बनानी शुरू की थी।
इसके बाद 1980 के दशक में मारुति के आने तक अंबेस्डर भारत में जीवन स्तर का परिचायक बनकर चलती रही। यह सरकारी अधिकारियों के लिए सबसे पसंदीदा वाहनों में से एक है। वित्त वर्ष में 2012-13 में इसकी ब्रिकी घटकर 3390 वाहन रह गई।
किसी समय अंबेस्डर कार की भारतीय कार बाजार में तूती बोलती थी हालांकि मारुति सुजूकी, हुंदै, टोयोटा तथा होंडा जैसी आधुनिक कंपनियों के आने के बाद उसकी चमक कुछ फीकी पड़ गई।
बीबीसी पर प्रसारित शो में टॉप गियर के कार्यकारी निदेशक रिचर्ड हेमंड ने दुनियाभर की टैक्सियों पर कार्य्रकम कराया जिसमें अंबेस्डर बाकी सभी को पछाड़ते हुए विजेता के रूप में उभरी।
ब्रिटेन स्थित मोटर संग्रहालय ब्यूलियू ने एक बयान में कहा गया है कि हिंदुस्तान अंबेस्डर ने ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको तथा रूस जैसे देशों की टैक्सियों को पछाड़ दिया।
हिंदुस्तान अंबेस्डर की शुरुआत ब्रिटेन में मोरिस ऑक्सफोर्ड के रूप में हुई थी लेकिन नाम में थोड़े बदलाव के साथ यह भारत का सबसे स्थायी वाहन बन गई। सीके बिड़ला ग्रुप की कंपनी हिंदुस्तान मोटर्स ने 1948 में अंबेस्डर बनानी शुरू की थी।
इसके बाद 1980 के दशक में मारुति के आने तक अंबेस्डर भारत में जीवन स्तर का परिचायक बनकर चलती रही। यह सरकारी अधिकारियों के लिए सबसे पसंदीदा वाहनों में से एक है। वित्त वर्ष में 2012-13 में इसकी ब्रिकी घटकर 3390 वाहन रह गई।
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