लंदन:
परग्रही (एलियन) को हॉलीवुड की फिल्मों में हरे प्राणियों की तरह दिखाया जाता है। लेकिन यदि एक प्रमुख ब्रिटिश अंतरिक्ष वैज्ञानिक के दावे पर विश्वास किया जाए तो एलियन विशाल जेलीफिश की तरह दिखते हैं जिसका निचला हिस्सा नारंगी रंग का होता है।
उपग्रह विशेषज्ञ और ब्रिटेन में सरकार की सलाहकार मैगी एडरिन पोकाक ने बताया कि एलियन के बारे में उनका मानना है कि वे मानव नहीं होते और सिलिकॉन आधारित जीवन से उत्पन्न होते हैं। वे विज्ञान फिल्मों में दिखाए जाने वाले हरे मनुष्यों की बजाय जेलीफिश की तरह दिखाई पड़ते हैं। इस बात की संभावना है कि हमारी भूमि से अतिरिक्त जीवन है तथा यह आप जितनी कल्पना करते हैं उससे भी ज्यादा अपरिचित है।
डेली मेल समाचार पत्र ने वैज्ञानिक के हवाले से कहा है कि हॉलीवुड निर्देशकों द्वारा परग्रही को हरे रंग के प्राणियों के रूप में दिखाया जाता है। लेकिन इसके विपरीत वे फुटबॉल मैदान के आकार वाली जेलीफिश के रूप में दिखते हैं। परग्रही का पिछला हिस्सा प्याज की तरह और निचला हिस्सा नारंगी की तरह होता है।
मैगी ने कहा कि भले ही वे जेलीफिश के रूप में नजर आते हों लेकिन वे समुद्र में नहीं रह सकते। वे बृहस्पति के पर्यावरण जैसी स्थिति में रह सकते हैं जहां वे इधर-उधर तैरते रहते हैं।
उपग्रह विशेषज्ञ और ब्रिटेन में सरकार की सलाहकार मैगी एडरिन पोकाक ने बताया कि एलियन के बारे में उनका मानना है कि वे मानव नहीं होते और सिलिकॉन आधारित जीवन से उत्पन्न होते हैं। वे विज्ञान फिल्मों में दिखाए जाने वाले हरे मनुष्यों की बजाय जेलीफिश की तरह दिखाई पड़ते हैं। इस बात की संभावना है कि हमारी भूमि से अतिरिक्त जीवन है तथा यह आप जितनी कल्पना करते हैं उससे भी ज्यादा अपरिचित है।
डेली मेल समाचार पत्र ने वैज्ञानिक के हवाले से कहा है कि हॉलीवुड निर्देशकों द्वारा परग्रही को हरे रंग के प्राणियों के रूप में दिखाया जाता है। लेकिन इसके विपरीत वे फुटबॉल मैदान के आकार वाली जेलीफिश के रूप में दिखते हैं। परग्रही का पिछला हिस्सा प्याज की तरह और निचला हिस्सा नारंगी की तरह होता है।
मैगी ने कहा कि भले ही वे जेलीफिश के रूप में नजर आते हों लेकिन वे समुद्र में नहीं रह सकते। वे बृहस्पति के पर्यावरण जैसी स्थिति में रह सकते हैं जहां वे इधर-उधर तैरते रहते हैं।