शोध के मुताबिक योग के बाद पेड़ पर चढ़ने से याददाश्त तेज़ होती है
न्युयॉर्क:
बचपन में पेड़ पर चढ़ने की कोशिश हर बच्चा करता है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि योगाभ्यास के साथ-साथ पेड़ पर चढ़ने और एक किरण की दिशा में खुद को संतुलित कर आगे बढ़ने से वयस्कों के ज्ञान संबंधित कौशल में भी सुधार होता है।
युनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ फ्लोरिडा के शोधकर्ताओं ने यह खुलासा किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वो काम जिसे करते वक्त हम सोचने पर मजबूर होते हैं, इससे हमारे दिमाग के साथ-साथ शरीर का भी व्यायाम होता है। शोध सहायक डॉ.रोस एलोवे ने कहा, "अप्रत्याशित गतिविधियां करने और बहुत ध्यान से आगे बढ़ने वाले व्यायाम से हमारी वर्किंग मेमरी को बढ़ावा मिलता है, जिससे हम क्लास और बोर्डरूम में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।" परिणाम में यह बात सामने आई है कि इन शारीरिक व्यायाम की मदद से कुछ घंटों में ही अपनी वर्किंग मेमोरी को बढ़ाया जा सकता है।
सहायक लेखक ट्रेसी एलोवे ने कहा 'वर्किंग मेमोरी में सुधार से हमें जीवन के कई क्षेत्रों में मदद मिलती है।' अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 18-59 आयुवर्ग के वयस्कों के काम करने के दौरान की याददाश्त की जांच की। एक समूह को तेज़ गतिविधियां करने जबकि दूसरे समूह को योगा क्लास जैसी स्थिर गतिविधि करने के लिए कहा गया। इस दौरान प्रतिभागियों ने पेड़ पर चढ़ने, टहलने और तीन इंच चौड़ी एक किरण पट्टी की सीध में चलने जैसे कार्यों को अंजाम दिया। दो घंटे के बाद की गई जांच में पता चला कि रफ्तार वाली गतिविधियां करने वालों की वर्किंग मेमोरी में 50 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। यह अध्ययन 'परसेप्चुअल एंड मोटर स्किल्स' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
युनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ फ्लोरिडा के शोधकर्ताओं ने यह खुलासा किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वो काम जिसे करते वक्त हम सोचने पर मजबूर होते हैं, इससे हमारे दिमाग के साथ-साथ शरीर का भी व्यायाम होता है। शोध सहायक डॉ.रोस एलोवे ने कहा, "अप्रत्याशित गतिविधियां करने और बहुत ध्यान से आगे बढ़ने वाले व्यायाम से हमारी वर्किंग मेमरी को बढ़ावा मिलता है, जिससे हम क्लास और बोर्डरूम में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।" परिणाम में यह बात सामने आई है कि इन शारीरिक व्यायाम की मदद से कुछ घंटों में ही अपनी वर्किंग मेमोरी को बढ़ाया जा सकता है।
सहायक लेखक ट्रेसी एलोवे ने कहा 'वर्किंग मेमोरी में सुधार से हमें जीवन के कई क्षेत्रों में मदद मिलती है।' अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 18-59 आयुवर्ग के वयस्कों के काम करने के दौरान की याददाश्त की जांच की। एक समूह को तेज़ गतिविधियां करने जबकि दूसरे समूह को योगा क्लास जैसी स्थिर गतिविधि करने के लिए कहा गया। इस दौरान प्रतिभागियों ने पेड़ पर चढ़ने, टहलने और तीन इंच चौड़ी एक किरण पट्टी की सीध में चलने जैसे कार्यों को अंजाम दिया। दो घंटे के बाद की गई जांच में पता चला कि रफ्तार वाली गतिविधियां करने वालों की वर्किंग मेमोरी में 50 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। यह अध्ययन 'परसेप्चुअल एंड मोटर स्किल्स' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।