मशहूर पार्श्व गायिका आशा भोसले ने अपने 90वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर जीवन की कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि वह आज जब पीछे मुड़कर देखती हैं, तो उन्हें सब कुछ मजेदार लगता है. सदाबहार गायिका शुक्रवार को 90 साल की हो जाएंगी और इस खास मौके पर वह दुबई में एक ‘‘लाइव कॉन्सर्ट'' में शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि हमेशा बहने वाली नदी की तरह संगीत कभी खत्म नहीं होता. आठ दशक लंबे अपने गायन सफर की चर्चा करते हुए आशा भोसले ने ‘पीटीआई-भाषा' के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ''90 साल की उम्र में, मुझे गाने के लिए तीन घंटे मंच पर खड़ा होना है, मुझे खुशी है कि मैं इस उम्र में भी ऐसा कर सकती हूं.''
उन्होंने 1943 में मराठी फिल्म 'माझा बल' के लिए अपना पहला फिल्मी गीत 'चल चल नव बाला' गाया था. करीब 80 साल के अनुभव और करीब 12,000 गीतों के बाद, आशा फिर से कार्यक्रम पेश करने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘संगीत सांस लेने जैसा है. और, यह हमेशा आसान नहीं रहा.'' मीना कुमारी से लेकर काजोल सहित कई अभिनेत्रियों के लिए पार्श्व गायन कर चुकीं आशा भोसले ने हर ‘मूड' के गाने गाए हैं.
उन्होंने कहा, 'हमारी सांसें नहीं होती हैं तो आदमी मर जाता है. मेरे लिए संगीत मेरी सांस है. मैंने इसी सोच के साथ अपना जीवन जिया है. मैंने संगीत को बहुत कुछ दिया है. मुझे काफी अच्छा लगता है कि मैं मुश्किल समय से उबर गई हूं. कई बार मुझे लगा कि मैं नहीं टिक सकूंगी, लेकिन मैं टिकी रही.''
आशा भोसले ने कहा, ‘‘संगीत कभी खत्म नहीं होता. ये दरिया है. अगर कोई कहता है, 'मैं पूर्ण हूं', तो ऐसा कहना गलत है, क्योंकि कोई भी पूर्ण नहीं होता है. आपको हमेशा समय के साथ बदलना होता है.''
उन्होंने कहा, “मैंने मुख्य कलाकार के साथ ही नृत्य करने वालों के लिए भी गाने गाए हैं.... काश मैंने विभिन्न भाषाओं में और गाने गाए होते. काश मैं और अधिक शास्त्रीय गायन कर पाती.''
पार्श्व गायिका ने कहा कि अत्यधिक प्रतिस्पर्धी संगीत उद्योग में उतार-चढ़ाव से निपटना आसान नहीं है, लेकिन उन्हें खुशी महसूस होती है कि वह कठिन दौर से उबर गईं. उन्होंने कहा, 'हर क्षेत्र में, राजनीति है. फिल्मों में भी राजनीति है, इसलिए यह आसान नहीं है. मैं किस्मत में बहुत विश्वास करती हूं और मेरा मानना है कि जो कुछ भी मेरे लिए है वह मुझे मिलेगा ही और जो मेरे लिए नहीं है, वह मुझे कभी नहीं मिल सकेगा. मैंने कठिनाइयों का सामना किया लेकिन आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो यह सब मजेदार लगता है क्योंकि मैं उससे उबर गई.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं