यह ख़बर 17 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

यूपी : सपने में दिखे एक हजार टन सोने के लिए खुदाई शुक्रवार से

लखनऊ:

दबे हुए खजाने को लेकर चर्चा में आए उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डौडियाखेड़ा गांव में शहीद राजा राव रामबक्श सिंह के किले में शुक्रवार से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों द्वारा खुदाई की जाएगी। इसे लेकर कौतूहल बना हुआ है। किले के नीचे 1000 टन सोना दबे होने की बात कही जा रही है। किले और आस-पास के इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

साधु का भी दावा है कि पूरा हजार टन सोना निकलेगा न एक तोला ज्यादा न एक तोला कम और अगर ऐसा न हो तो सरकार उन पर देशद्रोह का मुकदमा चला दे।

उन्नाव के बक्सर स्थित डौडियाखेड़ा में राजा राव रामबक्श सिंह के किले में खजाने की बात संत शोभन सरकार ने कही है। बक्सर से एक किलोमीटर दूर अपने आश्रम में सरकार ने तीन महीने पहले सपना देखा कि 1857 में अग्रेजों से लड़ाई में शहीद हुए राजा राव रामबक्श सिंह के किले के नीचे खजाना छिपा है। शोभन सरकार ने 3 सितम्बर को स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को इस बारे में अवगत कराया।

बताया रहा है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री चरण दास महंत ने सितम्बर के आखिरी सप्ताह में खजाना दबा होने का दावा करने वाले संत शोभन सरकार के साथ किले का दौरा किया था।

3 अक्टूबर को एएसआई के लखनऊ मंडल के अधिकारियों की एक टीम ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ किले का दौरा किया।

सूत्रों के मुताबिक, एएसआई अधिकारियों की टीम को मौके पर सर्वेक्षण के बाद किले के 20 से 25 फिट नीचे नीचे सोना दबे होने के कुछ संकेत मिले। विचार-विमर्श के बाद एएसआई अधिकारियों ने 18 अक्टूबर को खुदाई का निर्णय लिया।

उधर, खुदाई की तारीख नजदीक आते ही किले में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। उन्नाव के अपर पुलिस अधीक्षक सर्वांनद सिंह ने कहा, जब एएसआई अधिकारियों ने खुदाई करने की बात कही तब से किले पर पुलिस की तैनाती कर दी गई। करीब बीस पुलिसकर्मी और प्रांतीय सशस्त्र बल(पीएसी) के जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

सिंह ने कहा, एएसआई अधिकारियों द्वारा किले की खुदाई की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। खुदाई में प्रयुक्त होने वाले औजार और उपकरण स्थानीय पंचायत भवन में रखवा दिए गए हैं। शुक्रवार से अधिकारी खुदाई शुरू करेंगे। अगर आगे सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी तो बढ़ाई जाएगी।