नई दिल्ली/इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के समय उन्हें वर्ष के अंत में अपने देश आने का न्योता देंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने इस्लामाबाद में पत्रकारों से कहा, "राष्ट्रपति जरदारी वर्ष के अंत तक मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का न्योता देंगे।"
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान के नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री को अपने यहां आने का न्योता दिया गया है लेकिन मनमोहन सिंह की यात्रा को लेकर एक समय सीमा की पेशकश पहली बार की गई है।
इन सबके बीच रविवार को दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि बातचीत में कुछ ऐसा निकल सकता है जो मनमोहन सिंह की पाकिस्तान यात्रा को सुनिश्चित करेगा।
ज्ञात हो कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने मनमोहन सिंह के साथ हुई संक्षिप्त बैठक के दौरान उन्हें अपने देश आने का न्योता दिया था। इस पर मनमोहन सिंह ने कहा था कि कुछ ठोस नतीजे निकलने पर ही वह पाकिस्तान का दौरा करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद दोनों नेताओं की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी होने की उम्मीद कम है और किसी समझौते की घोषणा भी नहीं के बराबर है। दोनों नेता तथाकथित संवेदशनशील मुद्दों पर अविश्वास को दूर करने के लिए पर्दे के पीछे बातचीत करेंगे।
वहीं, इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जरदारी की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की इस यात्रा के लिए हालांकि, कोई एजेंडा तय नहीं है लेकिन उम्मीद है कि दोनों नेता सभी द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
बासित ने कहा, "हमें उम्मीद है कि बातचीत की यह प्रक्रिया जून-जुलाई में पूरी हो जाएगी और इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री बातचीत की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले हैं।"
नई दिल्ली में जानकार सूत्रों ने कहा कि मनमोहन सिंह और जरदारी कश्मीर एवं आतंकवाद सहित सभी मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
पिछले सात वर्ष में किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है। जरदारी के साथ 40 से अधिक सदस्यों का एक शिष्टमंडल भी भारत आएगा।
जरदारी अपने विशेष विमान से रविवार सुबह 11.30 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे और बातचीत के लिए वह हवाईअड्डे से सीधे 7 रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री के सरकारी आवास जाएंगे। बातचीत के बाद जरदारी शिष्टमंडल के साथ भोज में शामिल होंगे। दोपहर बाद वह अजमेर स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए रवाना हो जाएंगे।
जरदारी के साथ उनके पुत्र बिलावल भुट्टो जरदारी, आंतरिक मंत्री रहमान मलिक, विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी, राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर और राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी भी होंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने इस्लामाबाद में पत्रकारों से कहा, "राष्ट्रपति जरदारी वर्ष के अंत तक मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का न्योता देंगे।"
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान के नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री को अपने यहां आने का न्योता दिया गया है लेकिन मनमोहन सिंह की यात्रा को लेकर एक समय सीमा की पेशकश पहली बार की गई है।
इन सबके बीच रविवार को दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि बातचीत में कुछ ऐसा निकल सकता है जो मनमोहन सिंह की पाकिस्तान यात्रा को सुनिश्चित करेगा।
ज्ञात हो कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने मनमोहन सिंह के साथ हुई संक्षिप्त बैठक के दौरान उन्हें अपने देश आने का न्योता दिया था। इस पर मनमोहन सिंह ने कहा था कि कुछ ठोस नतीजे निकलने पर ही वह पाकिस्तान का दौरा करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद दोनों नेताओं की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी होने की उम्मीद कम है और किसी समझौते की घोषणा भी नहीं के बराबर है। दोनों नेता तथाकथित संवेदशनशील मुद्दों पर अविश्वास को दूर करने के लिए पर्दे के पीछे बातचीत करेंगे।
वहीं, इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जरदारी की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की इस यात्रा के लिए हालांकि, कोई एजेंडा तय नहीं है लेकिन उम्मीद है कि दोनों नेता सभी द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
बासित ने कहा, "हमें उम्मीद है कि बातचीत की यह प्रक्रिया जून-जुलाई में पूरी हो जाएगी और इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री बातचीत की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले हैं।"
नई दिल्ली में जानकार सूत्रों ने कहा कि मनमोहन सिंह और जरदारी कश्मीर एवं आतंकवाद सहित सभी मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
पिछले सात वर्ष में किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है। जरदारी के साथ 40 से अधिक सदस्यों का एक शिष्टमंडल भी भारत आएगा।
जरदारी अपने विशेष विमान से रविवार सुबह 11.30 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे और बातचीत के लिए वह हवाईअड्डे से सीधे 7 रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री के सरकारी आवास जाएंगे। बातचीत के बाद जरदारी शिष्टमंडल के साथ भोज में शामिल होंगे। दोपहर बाद वह अजमेर स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए रवाना हो जाएंगे।
जरदारी के साथ उनके पुत्र बिलावल भुट्टो जरदारी, आंतरिक मंत्री रहमान मलिक, विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी, राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर और राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी भी होंगे।
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