विज्ञापन
This Article is From Mar 20, 2015

जेल में रहेगा लखवी, अदालत ने हिरासत के खिलाफ याचिका खारिज की

जेल में रहेगा लखवी, अदालत ने हिरासत के खिलाफ याचिका खारिज की
फाइल फोटो
लाहौर:

पाकिस्तान की एक अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी की सार्वजनिक सुरक्षा के एक कानून के तहत हिरासत के खिलाफ दायर याचिका को आज खारिज कर दिया और वह अगले महीने तक जेल में रहेगा।

लाहौर हाईकोर्ट के न्यायाधीश महमूद मकबूल बाजवा ने पंजाब सरकार द्वारा 14 मार्च को लोक व्यवस्था बनाए रखने से जुड़े कानून के तहत 55 साल के लखवी की हिरासत के आदेश के खिलाफ दायर उसकी याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले आज सुबह न्यायाधीश ने लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी और विधि अधिकारी खावर इकराम भट्टी की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

अदालत के एक अधिकारी ने कहा, 'अदालत ने लखवी की याचिका खारिज करने की घोषणा करते हुए एक संक्षिप्त आदेश जारी किया।' लखवी ने गुरुवार को लाहौर हाईकोर्ट में अपनी हिरासत को चुनौती दी थी और अदालत से गुजारिश की थी कि पंजाब गृह विभाग के आदेश को खारिज किया जाए जो इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

अब्बासी ने कहा, 'सरकार ने मेरे मुवक्किल को मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में जमानत मिलने के बाद से उसे चार बार हिरासत में लिया।' अब्बासी के मुताबिक सरकार ने भारत और अमेरिका के दबाव में लखवी को हिरासत में लिया है।

विधि अधिकारी ने दलील दी कि लखवी मुंबई आतंकवादी हमले में मुख्य आरोपी है और जमानत पर उसकी रिहाई से प्रांत में कानून व्यवस्था की गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।

इससे पहले कि लखवी को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर अदियाला जेल रावलपिंडी से रिहा किया जाता, पंजाब सरकार ने 14 मार्च को उसे लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी कानून (एमपीओ) के तहत और 30 दिन के लिए हिरासत में रहने का आदेश दिया था।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश नूरुल हक कुरैशी ने 13 मार्च को लखवी को हिरासत में लेने संबंधी संघीय सरकार के आदेश को निलंबित कर दिया था और उसकी तुरंत रिहाई के आदेश दिए थे। भारत ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था कि लखवी के खिलाफ पुख्ता सबूतों को पाकिस्तानी एजेंसियों ने अदालत के समक्ष ठीक ढंग से पेश नहीं किया।

18 दिसंबर 2014 को निचली अदालत (आतंकवाद रोधी अदालत-1, इस्लामाबाद) ने लखवी को जमानत दे दी थी, लेकिन अगले ही दिन उसे एमपीओ के तहत हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने लखवी की इस हिरासत को 'कमजोर कानूनी आधार' का हवाला देते हुए निलंबित कर दिया था।

अदियाला जेल से रिहा किए जाने से ठीक पहले लखवी को 2009 में एक अफगान नागरिक का अपहरण करने के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे अपहरण मामले में भी जमानत मिल गई। बाद में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने उसके आदेश को निलंबित कर दिया। लखवी ने अपनी हिरासत को एक बार फिर चुनौती दी और उसे 13 मार्च को अदालत से राहत मिल गई।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने लखवी की हिरासत के खिलाफ उसकी याचिका पर सुनवाई के लिए जस्टिस शौकत सिद्दीकी की अगुवाई में तीन सदस्यीय समीक्षा बोर्ड का गठन किया था।

लखवी और छह अन्य-अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर नवंबर 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
मुंबई हमला, 26/11, पाकिस्तान, जकी उर रहमान लखवी, लखवी, Mumbai Attack, Zaki Ur Rehman Lakhvi, Lahore HC, Pakistan
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com